अगर आपको ये लग रहा है कि इस कहानी के शीर्षक में गड़बड़ी है और इसे हर महीने की जगह नौ महीने होना चाहिए तो आपको बता दें कि शीर्षक बिल्कुल सही है. ये एक रेयर केस है जिसमें इस महिला को हर महीने लेबर पेन से गुजरना पड़ता है.
सोफी लोडर अब तक 100 से ज्यादा बार लेबर पेन से गुजर चुकी हैं लेकिन उनमें से मां एक ही बार बनी हैं. 23 वर्षीय सोफी को माहवारी आते ही लेबर पेन शुरू हो जाता है.
ये एक दुर्लभ केस है. असल में जन्म के साथ ही सोफी के दो गर्भाशय हैं. जिसका मतलब ये है कि जब भी उन्हें माहवारी होगी उन्हें लेबर पेन सहना होगा. ये दर्द उनकी माहवारी के दिन से शुरू होने के साथ 72 घंटे तक बना रहता है.
हर महीने उन्हें लेबर पेन से गुजरना पड़ता है क्योंकि पीरियड्स शुरू होते ही उनका दूसरा गर्भाशय खून से भर जाता है. जन्म के समय से ही सोफी के दो गर्भशय हैं. परेशानी की बात ये है कि इस दर्द को केवल ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद से ही कम किया जा सकता है.
हालांकि सोफी ने एकबार असल में भी लेबर पेन महसूस किया है और वो एक बच्चे की मां है. वो कहती हैं, 'सुनने में ये किसी को भी अटपटा लग सकता है कि मैंने सौ से अधिक बार लेबर पेन सहा है लेकिन 13 साल की उम्र से ये दर्द मेरे साथ है.'
वो कहती हैं कि जब पहली बार उन्हें ये दर्द उठा था तो डॉक्टरों को लगा था कि वो गर्भवती हैं. सोफी बताती हैं कि वो 30 से अधिक बार अस्पताल जा चुकी हैं और कई बार डॉक्टरों को ये पता ही नहीं चल पाता था कि उन्हें समस्या क्या है. पर अब जबकि डॉक्टरों को और खुद उनको भी ये पता चल चुका है तो वो चाहती हैं कि ये बीमारी किसी और को न हो.
सोफी कहती हैं कि एकबार लेबर पेन सहना ही काफी है. हर महीने इस दर्द से गुजरना वाकई तकलीफदेह है.