किसी भी महिला के जीवन में बच्चे को जन्म देने का समय चुनौतियों से भरा होता है. शारीरिक पीड़ा होने के साथ ही वो मानसिक रूप से भी कई बदलावों से गुजरती है. पर क्या आप यकीन करेंगे कि इस समय में भी उन्हें शारीरिक शोषण से गुजरना पड़ता है.
डब्ल्यूएचओ के एक अध्ययन के मुताबिक, बच्चे को जन्म देने के समय महिला को जहां शारीरिक कष्ट झेलने पड़ते हैं वहीं उसे शारीरिक शोषण से भी गुजरना पड़ता है. 34 देशों की 65 स्टडीज और सात ऐसी जगहों की पहचान के आधार पर ये बात कही गई है.
ये गलत व्यवहार थप्प्ड़ मारने, यौन शोषण करने, गाली-गलौच से लेकर सही देख-रेख न मिलने तक होता है. अध्ययन में कहा गया है कि पिछले दो दशकों मे सीमित संसाधनों वाले देशों में गर्भवती मां को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा तो हुआ है लेकिन फिर भी इन देशों में हर तीसरी महिला बिना किसी अटेंडेंट के ही बच्चे को जन्म देती है.
मेगन बोहरेन और डब्ल्यू एच ओ डिपार्टमेंट ऑफ रिप्रोडक्टिव हेल्थ एंड रिसर्च में काम करने वालों का मानना है कि चाइल्डबर्थ के दौरान महिला को ये आश्वासन होना चाहिए कि उसे पूरी देखभाल और सम्मान मिलेगा.