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पीरियड ब्लड खोलता है सेहत के राज, इन संकेतों को ना करें इग्नोर

वर्ल्ड बैंक का कहना है कि रोजाना दुनियाभर की लगभग 80 लाख महिलाएं पीरियड्स का सामना करती हैं. पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग के रंग से बैक्टीरियल इन्फेक्शन, सेक्सुअल ट्रांसमीटिड डिसीज (एसटीडी) की टोह ली जा सकती है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रोजाना दुनियाभर की 80 लाख महिलाएं पीरियड से जूझ रही
  • इन्फेक्शन, एसटीडी की जानकारी देगा पीरियड ब्लड

पीरियड्स यानी माहवारी के दौरान होने वाली दिक्कतों से सभी वाकिफ हैं लेकिन पीरियड ब्लड का रंग आपके स्वास्थ्य और होने वाली बीमारियों के बारे में बहुत कुछ बता देता है.

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रिपोर्ट की मानें तो वर्ल्ड बैंक का कहना है कि रोजाना दुनियाभर की लगभग 80 लाख महिलाएं पीरियड्स से गुजरती हैं. पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग के रंग से बैक्टीरियल इन्फेक्शन, सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिसीज (एसटीडी) का संकेत देती है.

आयु हेल्थ हॉस्पिटल्स की एमबीबीएस डॉक्टर अनन्या आर बताती हैं, महिलाओं में पीरियड्स के शुरुआती कुछ साल में होने वाली ब्लीडिंग के रंग में बदलाव आम बात है. इस दौरान खून का रंग लाल से ब्राउन हो सकता है. पीरियड साइकिल के दौरान ब्लड के रंग में बदलाव हो सकता है.

उदाहरण के लिए शुरुआत में ब्लड का रंग गहरे लाल से शुरू होकर उम्र के एक पड़ाव पर माहवारी खत्म होने पर रस्टी ब्राउन तक हो सकता है. शुरुआत में इसका रंग ब्राउन भी हो सकता है और धीरे-धीरे इसमें बदलाव होकर यह लाल भी हो सकता है.

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उन्होंने कहा, अगर आपके पीरियड ब्लड का रंग सामान्य की तुलना में लगातार हल्का होता जा रहा है तो यह चिंता की बात है. कुछ स्थिति में ब्लड का रंग डार्क पर्पल रेड भी हो सकता है. यह उन महिलाओं में आम है जिन्हें अतीत में फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रियोसिस हुआ है.

जिन महिलाओं के पीरियड ब्लड का रंग गहरा लाल होता है उन्हें गर्भधारण (कंसीव) करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और क्लॉटिंग की समस्या भी रहती है, जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा को नुकसान पहुंचता है. अगर किसी में कोई और लक्षण भी हो तो उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. 

बेंगलुरू के मिलान फर्टिलिटी अस्पताल की डॉक्टर स्नेहा डी शेट्टी का कहना है कि पीरियड्स महिलाओं की सेहत के बारे में बहुत कुछ जानकारी देते हैं. कितने दिनों तक पीरियड हो रहे हैं, इस दौरान ब्लड का फ्लो कैसा है, ब्लड का रंग और इसके लक्षण महिला की हेल्थ के बारे में बहुत कुछ बता देते हैं.

उन्होंने कहा, आमतौर पर अधिकतर महिलाओं में दो से पांच दिनों तक पीरियड होते हैं जिनमें से शुरुआत के दो से तीन दिनों में हल्की ब्लीडिंग होती है. पीरियड ब्लड का रंग हॉर्मोन एक्टिविटी, पीरियड की अवधि, इन्फेक्शन, मेडिकल स्थिति जैसे कई फैक्टर्स का संकेत देता है जिनका पता लगाकर समय पर इलाज कराने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है.

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गहरा लाल रंग- पीरियड की शुरुआत में ब्लड का रंग गहरा लाल हो सकता है. गहरा लाल रंग फाइब्रॉयड यूट्रस, मिसकैरिज, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का संकेत दे सकता है. 

ब्राउन या ब्लैकिश ब्राउन रंग- पीरियड ब्लड का रंग शुरुआत में गहरा लाल होता है और यह धीरे-धीरे ब्राउन या ब्लैकिश ब्राउन में तब्दील हो जाता है. ऐसा यूट्रीन लाइनिंग के धीरे-धीरे शेड होने से हो सकता है.

इसके अलावा पीरियड ब्लड का रंग ग्रे, पीला, ऑरेंज, हरा होने या ब्लड से दुर्गंध आना बैक्टीरियल इन्फेक्शन या एसटीडी होने का संकेत हो सकता है. 

इसके अलावा अगर पीरियड का फ्लो बहुत अधिक है या क्लॉटिंग की दिक्कत है. पीरियड सात से आठ दिनों से अधिक समय तक हो रहे हैं, या पीरियड बहुत जल्दी या बहुत गैप के बाद हो रहे हैं तो ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए.

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