लॉकडाउन के दौरान लोग भले ही अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं लेकिन तकनीक की मदद से साहित्य आज तक हर साल की तरह इस बार भी सजाया गया है. ई-साहित्य आज तक के मंच पर रामायण के सीता और लक्ष्मण यानि दीपिका चिखलिया और सुनील लहरी ने मॉड्रेटर मीनाक्षी कंडवाल के साथ तमाम समसामयिक विषयों पर बातचीत की. दीपिका ने बताया कि किस तरह उस दौर में शो के बाद भी लोगों के दिलों में उनके लिए काफी सम्मान था.
रामायण के बाद बंधा हुआ जीवन जीने और कुछ चीजें नहीं कर पाने की बातों पर दीपिका चिखलिया ने बताया, "रामायण करने के बाद जितना प्यार और सम्मान लोगों ने हमें दिया था उसके बाद मुझे नहीं लगता है कि इन चीजों को लेकर कोई पश्चाताप की गुंजाइश रह जाती है." दीपिका ने बताया, "मेरे एमपी बनने के पहले की बात है. जब मैंने कॉन्टेस्ट शुरू किया था तो मुझे याद है कि 8-10 सभाएं हुआ करती थीं. सुबह हम लोग 10-11-12 बजे तक निकल जाते थे."
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Launch of epic book written by sri ramanand sagar ji or prem ji
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हजारों लोग करते थे इंतजार
दीपिका ने बताया, "कई बार हम 1 बजे तक पहुंच पाते थे लेकिन बावजूद इसके 50 हजार के आसपास जनता वहां पर बैठी रहती थी. कई बार वो चले भी जाते थे तो जब उन्हें पता चलता था कि हम लोग आ रहे हैं तो वो वापस आ जाते थे और हमको सुनते थे. वो नाइट ड्रेस पहन कर भी आया करते थे. ये बात थी कि मैं बरोड़ा की होने वाली सांसद हूं लेकिन कहीं न कहीं उनको सीता जी देखनी होती थीं."