आजतक पर 22 मई से 24 मई तक चलने वाले e-साहित्य आजतक का आगाज हो चुका है. पर कोरोना वारियर्स को सलाम करने इस मंच पर अनूप जलोटा ने शिरकत की और सरस्वती वंदना के साथ e-साहित्य आजतक की भव्य शुरुआत की. सुरों की महफिल में अनूप जलोटा ने यहां अपनी मशहूर गजल लज़्ज़त-ए-ग़म बढ़ा दीजिए, आप फिर मुस्कुरा दीजिए सुनाई. अनूप जलोटा ने e-साहित्य आजतक पर एंकर चित्रा त्रिपाठी के साथ लॉक डाउन के अपने अनुभव बांटते हुए कहा कि इस दौरान 24 घंटे कम पड़ जाते हैं. मेरा रियाज बढ़ गया है. योग करें, ध्यान करें, कोरोना से डरें नहीं. अनूप जलोटा ने यहां आखिरी प्रस्तुति के रूप में अपने दर्शकों को अपना यह चर्चित भजन ऐसी लागी लगन भी सुनाया.