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ई-साहित्य आजतक के मंच पर जावेद अख्तर, लॉकडाउन से लेकर निजी जिंदगी पर खुलकर बोले

ई-साहित्य आजतक के मंच पर जावेद अख्तर, लॉकडाउन से लेकर निजी जिंदगी पर खुलकर बोले

आजतक पर 22 मई से 24 मई तक चलने वाले e-साहित्य आजतक का आगाज हो चुका है. इस कार्यक्रम में प्रख्यात लेखक, गीतकार, शायर, चिंतक जावेद अख़्तर ने कोरोना वारियर्स को सलाम करते हुए कहा कि इस कठ‍िन समय समाज अपनी भूमिका निभा रहा है. आज इंसानियत काफी कुछ कर रही है. इस समय हमें घबराने की जरूरत नहीं है. अपने बेबाक बोल के लिए मशहूर जावेद अख़्तर ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि मैंने भी संघर्ष का दौर देखा है. उनका बचपन शेरो-शायरी के बीच बीता है. उन्हें अपने ज्यादातर साहित्य लेखन याद है. उन्होंने बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में मैं निर्देशक बनने आया था. लेकिन वहां असिस्टेंट का काम करते हुए मेरे लेखन की तारीफ होने लगी और ऐसी स्थितियां बनी कि मैं डायरेक्टर बन गया.

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