साहित्य आजतक के डिजिटल संस्करण e-साहित्य आजतक के मंच पर तीसरे दिन लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने शिरकत की. इस दौरान मैथिली ठाकुर ने पहला गीत मिथिला को समर्पित किया. e-साहित्य आजतक पर मैथिली ठाकुर का कहना है कि लॉकडाउन ने हमें प्रैक्टिस का अधिक समय दिया है. आजकल हम भजन अधिक गाते हैं. उन्होंने ये कथा है रामायण की, कथा है श्रीराम की भी सुनाया. इतना ही नहीं देश में प्रवासी मजदूरों के दर्द को अभिव्यक्त करने के लिए मैथिली ठाकुर ने मिथिले में रहिबे, हमरा न चाही चारे धाम, मिथिले में रहिबे गीत सुनाकर e-साहित्य आजतक के मंच से जुड़े दर्शकों का दिल जीत लिया. देखिए वीडियो.