आजतक के मंच पर साहित्य के सितारों का महाकुंभ जारी है. साहित्य आजतक के डिजिटल संस्करण e-साहित्य आजतक के मंच पर दूसरे दिन प्रख्यात लेखक अशोक वाजपेयी भी जुड़े. कवि, कला मर्मज्ञ और चिंतक अशोक वाजपेयी ने इस दौरान एंकर रोहित सरदाना से बातचीत में कहा कि कोरोना के इस दौर में क्रूरता, संवेदनहीनता भी प्रकट हुई है तो सहयोग, करुणा और संवेदना भी प्रकट हुई है. अशोक वाजपेयी ने e-साहित्य आजतक के मंच पर कोरोना पर लिखी कविता भी सुनाई. अशोक वाजपेयी के मुताबिक, साहित्य एक व्यसन है. उनकी मानें तो साहित्य का एक काल कोरोना काल भी होगा.