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VIDEO: अशोक चक्रधर ने सुनाई निराशा के विरूद्ध कविता

VIDEO: अशोक चक्रधर ने सुनाई निराशा के विरूद्ध कविता

आजतक के मंच पर साहित्य के स‍ितारों का महाकुंभ जारी है. साह‍ित्य आजतक के ड‍िज‍िटल संस्करण e-साह‍ित्य आजतक के मंच पर दूसरे दिन प्रख्यात कवि अशोक चक्रधर ने शिरकत की. इस दौरान अशोक चक्रधर ने कहा कि कोरोना के दौर में तकनीक न होती तो पता नहीं क्या होता. प्रख्यात कवि अशोक चक्रधर का कहना है कि आज हर कोई शायर हो गया. e-साहित्य आजतक पर अशोक चक्रधर ने अपनी कई कविताएं सुनाईं. उनका कहना है कि कोरोना हमसे अनुशासन चाहता है. लॉकडाउन चाहती है यह पाबंदी. शत्रु अदृश्य है, डांवाडोल भविष्य है. कवि कहता है यह विषाणु हमें छोड़ जाएगा. वीडियो में सुनिए अशोक चक्रधर की कविता.

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