आजतक के मंच पर साहित्य के सितारों का महाकुंभ जारी है. साहित्य आजतक के डिजिटल संस्करण e-साहित्य आजतक के मंच से दूसरे दिन जुडीं प्रख्यात कथाकार चित्रा मुद्गल. एंकर रोहित सरदाना से बातचीत में चित्रा मुद्गल ने कोरोना संकट को लेकर कहा कि इससे कठिन समय हमने कभी नहीं देखा. आज एक अलग तरह की असमर्थता है. जिस विज्ञान ने इनसान को चंद्रमा पर पहुंचाया वह एक न एक दिन इससे बाहर आ जाएगा. अपने को दिहाड़ी मजदूर करार देते हुए प्रख्यात लेखिका चित्रा मुद्गल ने दिहाड़ी मजदूरों की पीड़ा को अपनी पीड़ा करार देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य के बीच इनके लिए समन्वय जरूरी था.