इंकलाबी शायर अदम गोंडवी की 18 दिसंबर को पुण्यतिथि है. अपने दौर में उन्होंने सड़ी-गली व्यवस्था पर खूब मारक शेर कहे. पेश है उनकी एक गजल. 2011 में हुआ था गोंडवी का निधन
काजू भुने हैं प्लेट में, व्हिस्की गिलास में
उतरा है रामराज विधायक निवास में
पक्के समाजवादी हैं, तस्कर हों या डकैत
इतना असर है खादी के उजले लिबास में
आजादी का वो जश्न मनाएं तो किस तरह
जो आ गए फुटपाथ पर घर की तलाश में
पैसे से आप चाहें तो सरकार गिरा दें
संसद बदल गयी है यहां की नख़ास में
जनता के पास एक ही चारा है बगावत
यह बात कह रहा हूं मैं होशो-हवास में