नई दिल्लीः केवल भारतीय सेना ही नहीं, देश के प्रधानमंत्री पर भी हिंदी कविताओं का ठीकठाक असर है, तभी तो पाकिस्तान के अधीन आने वाले कश्मीरी हिस्से में भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद राजस्थान के चुरू में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर इस गीत को मंच से गाया, 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा'.
याद रहे कि इस गीत को 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव अभियान का थीम सांग बनाया था.
सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा…@BJP4India campaign anthem released today http://t.co/dAt3fjEMho
— Narendra Modi (@narendramodi) March 25, 2014
इस गीत को मशहूर गीतकार प्रसून जोशी ने लिखा है. भाजपा के थीम सांग में भी इस गीत की शुरुआती पंक्तियां नरेंद्र मोदी की आवाज में थीं. 25 मार्च 2014 को खुद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस कैंपेन एंथम की जानकारी दी थी.
यह है प्रसून जोशी का लिखा पूरा गीत
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
मेरी धरती मुझसे पूछ रही,
कब मेरा कर्ज़ चुकाओगे,
मेरा अम्बर मुझसे पूछ रहा,
कब अपना फर्ज़ निभाओगे,
मेरा वचन है भारत माँ को,
तेरा शीश नहीं झुकने दूंगा,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
वो लूट रहे हैं सपनों को,
मैं चैन से कैसे सो जाऊँ,
वो बेच रहे अरमानों को,
खामोश मैं कैसे हो जाऊँ,
हाँ मैंने कसम उठाई है,
मैं देश नहीं बिकने दूंगा,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
वो जितने अंधेरे लाएंगे,
मैं उतने सूर्य उगाऊँगा,
वो जितनी रात बढ़ाएंगे,
मैं उतने उजाले लाउंगा,
इस छल फरेब की आँधी में,
मैं दीप नहीं बुझने दूंगा,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
वो चाहते हैं जागे न कोई,
ये रात ये अंधकार चले,
हर कोई भटकता रहे यूंही,
और देश यूंही लाचार चले,
पर जाग रहा है देश मेरा,
पर जाग रहा है देश मेरा,
हर भारतवासी जीतेगा,
हर भारतवासी जीतेगा,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम।