मशहूर स्क्रिप्ट राइटर सलीम ख़ान के नाम से एक ‘कविता’ सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म्स पर सर्कुलेट हो रही है. क्या सुपरस्टार सलमान खान के पिता सलीम खान ने वाकई मीडिया को निशाना बनाने वाली इस विवादित कविता को लिखा है? क्या है इसका सच, वायरल टेस्ट में ‘आजतक/इंडिया टुडे’ आपको यही बताने जा रहा है.
देश में जब भी कोई बड़ी घटना होती है तो सलीम खान के नाम से ये ‘कविता’ धड़ल्ले से सोशल मीडिया पर शेयर की जाने लगती है. ‘आज कलम का कागज से मैं दंगा करने वाला हूं’, से शुरू होने वाली इस ‘कविता’ में मीडिया को बुरा-भला कहते हुए जमकर भड़ास निकाली जा रही है. साथ ही इस कविता में सलमान खान, आमिर खान, ऐश्वर्या के नामों से भी तुकबंदी की गई है.
‘आजतक/इंडिया टुडे’ ने वायरल टेस्ट के जरिए इस कथित कविता को लेकर ‘दूध का दूध और पानी का पानी करने की ठानी.’ सच की इस मुहिम में बात करने के लिए खुद सलीम खान से बेहतर शख्स और कौन हो सकते थे. ‘आजतक/इंडिया टुडे’ ने इस मुद्दे पर सलीम खान से बात की तो ना सिर्फ उन्होंने इस ‘कविता’ के खुद लिखे होने से इनकार किया बल्कि इस बात पर नाराजगी भी जताई कि कोई उनके नाम का इस्तेमाल कर ऐसी बेहूदा कविता को फैला रहा है जिसे कविता कहना भी कविता का अपमान है.
आप खुद ही सुनिए रिपोर्टर और सलीम खान की फोन पर हुई बात...
सलीम ख़ान- जी बोलिए
रिपोर्टर- जी सर, मैं ये पूछ रहा था कि आपके नाम से सोशल मीडिया पर एक कविता जिसके बारे में ये कहा जा रहा है कि वो आपके...
सलीम ख़ान- नहीं नहीं मैंने उसको रिपोर्ट भी किया है मैटर को, डिनाए भी किया है, पता नहीं कौन है वो क्यों कर रहा है...मुझे समझ नहीं आ रहा है.
रिपोर्टर- तो ये गलत है ना आपने ऐसी कोई कविता नहीं लिखी.
सलीम खान- नहीं नहीं, मैं इतनी बेहूदा कविता लिखूंगा भी नहीं...
रिपोर्टर- मतलब आपका लिखने का जो अंदाज़ हमने पढ़ा है उससे लगता नहीं कि आपने ऐसी कोई कविता लिखी होगी.
सलीम खान- नहीं नहीं, बिल्कुल नहीं लगता
रिपोर्टर- क्या आपको ये पता है कि आपके नाम से ये सर्कुलेट हो रही है जगह जगह
सलीम खान- जी हां, सबको पता है...कोई बहुत बेवकूफ़ आदमी है उसने बहुत बेवकूफ़ी और बेहूदा किस्म की कविता लिखी है. लगता है उसके पास एक ही कविता है और अगर उसे कविता कहेंगे तो कविता का अपमान है.
सलीम खान ने ट्विटर पर भी इस कविता के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करने वालों को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा...
‘कुछ साल पहले सोशल मीडिया पर एक कविता मेरे नाम से छापी, “आज कलम का कागज से दंगा करने वाला हूं” यही कविता बार-बार मेरे नाम से सामने ले आई जाती है
सलीम खान ने एक और ट्वीट में साफ किया कि वे कवि नहीं हैं और अगर कभी कविता भी लिखते तो इस कूड़े से बेहतर ही लिखते.
-A couple of years back somewhere on social media a poem was published under my name which started “Aaj kalam ka kagaz se danga karne wala hun” the same poem is doing the rounds again under my name.
— Salim Khan (@luvsalimkhan) April 23, 2018
सलीम खान ने इस ट्वीट में लिखा “मैं कवि नहीं हूं और अगर मैंने कभी कविता लिखने की कोशिश भी की होती तो मैंने इस कूड़े से कहीं बेहतर काम किया होता, जो मेरे नाम से फैलाया जा रहा है. मुझे नहीं पता कि किसी को ये सब करने से क्या मिल रहा है.”
तो देखा आपने कि कैसे देश की एक जानी मानी हस्ती के नाम से पिछले कुछ सालों से ये फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. स्टोरी और स्क्रीनप्ले राइटर के तौर पर सलीम खान की बॉलिवुड में लेखनी के कमाल के बारे में जिन्हें भी पता है वो इस ‘कविता’ को पढ़ते ही समझ जाएंगे कि ये सलीम खान का लिखने का अंदाज़ हो ही नहीं सकता.I am not a poet and even if i tried my hand at poetry i would do a much better job than the trash that has been published under my name. I have no idea what anyone is getting out of this.
— Salim Khan (@luvsalimkhan) April 23, 2018
युवा पीढ़ी बेशक सलीम खान को सलमान के पिता के तौर पर जानती हो लेकिन सत्तर के दशक में सलीम खान की स्टोरी राइटर के तौर पर जावेद अख्तर के साथ जोड़ी की बॉलिवुड में तूती बोलती थी. ‘सलीम-जावेद’ का नाम ही किसी फिल्म को हिट कराने की तब पहचान बन गया था. अमिताभ बच्चन को एंग्री यंग मैन की इमेज देकर सुपरस्टार बनाने में ‘सलीम-जावेद’ की जोड़ी का भी बड़ा हाथ रहा. इस राइटर जोड़ी की लिखी फिल्मों के नाम जानकर ही उनकी लेखनी के कमाल का अंदाज लगाया जा सकता है. इनकी हिट फिल्मों में यादों की बारात, जंज़ीर, दीवार, शोले, त्रिशूल, डॉन, शक्ति, क्रांति, काला पत्थर का शुमार होता है. जावेद अख्तर से जोड़ी टूटने के बाद सलीम खान ने ‘नाम’ लिखी. ये फिल्म संजय दत्त की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक मानी जाती है.
सलीम खान के नाम का इस्तेमाल कर फैलाई जा रही ‘कविता’ को पढ़ने से ही पता चल जाता है कि इसका मकसद क्या है और कैसे धर्मों के का उल्लेख कर सवाल किए जा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर फेक मैसेज और फेक वीडियो की भरमार है. बड़ी चालाकी से इन्हें किसी सेलेब्रिटी के नाम के साथ जोड़कर सोशल मीडिया पर फैलाया जाता है जिससे कि लोग उन पर विश्वास करें और आगे फॉरवर्ड करें.
ये किसी खास मकसद से फेसबुक, इंस्टाग्राम, ब्लॉग जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैलाए जाते हैं. वॉट्सअप के जरिए धड़ल्ले से इन्हें सर्कुलेट किया जाता है. मंसूबा यही होता है कि इन्हें किसी तरह वायरल किया जाए. आम लोग भी जाने-अऩजाने इन्हें फॉरवर्ड कर झांसे में आ जाते हैं. दरअसल उनके पास इन्हें वैरीफाई करने का जरिया नहीं होता.
झूठ की फैक्ट्रियों से किए जा रहे इस फर्जीवाड़े को ही बेनकाब करने के लिए आजतक/इंडिया टुडे ने मुहिम छेड़ी है –‘वायरल टेस्ट’. सलीम खान की ‘कविता’ का सच आपके सामने है. ‘आजतक/इंडिया टुडे’ का ‘वायरल टेस्ट’ इसी तरह अब आपके लिए सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज, वीडियो का झूठ या सच आप तक लाता रहेगा.