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जन्मदिन विशेष: आजादी के सिपाही और तमिल महाकवि सुब्रमण्यम भारती की 7 खास बातें

तमिल भाषा के महाकवि सुब्रमण्यम भारती का जन्म 11 दिसंबर 1882 में हुआ था. उनकी रचनाएं देशभक्ति की भावना से भरी हुई होती थीं और उससे प्रभावित होकर दक्षिण भारत में बड़ी संख्या में लोग आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए.

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Subramania Bharati
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तमिल भाषा के महाकवि सुब्रमण्यम भारती का जन्म 11 दिसंबर 1882 में हुआ था. उनकी रचनाएं देशभक्ति की भावना से भरी हुई होती थीं और उससे प्रभावित होकर दक्षिण भारत में बड़ी संख्या में लोग आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए.

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जानें उनकी मुख्य 7 बातें:

1. 1907 में जब कांग्रेस गरम दल और नरम दल में बंट गई थी, तो इन्होंने गरम दल का साथ दिया था.

2. वह स्वामी विवेकानंद की शिष्या भगिनी निवेदिता को अपना गुरु मानते थे. निवेदिता ने उन्हें महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने को प्रोत्साहित किया था.

3. अपनी किताब गीतांजलि, जन्मभूमि और पांचाली सप्तम में उन्होंने आधुनिक तमिल शैली का इस्तेमाल किया, जिससे उनकी भाषा जनसाधारण के लिए बेहद आसान हो गई.

4. भारती कई भाषाओं के जानकार थे. उनकी पकड़ हिन्दी, बंगाली, संस्कृत और अंग्रेजी सहित कई भारतीय भाषाओं पर थी. वे तमिल को सबसे मीठी बोली वाली भाषा मानते थे.

5. भारती का योगदान साहित्य के क्षेत्र में तो महत्वपूर्ण है ही, उन्होंने पत्रकारिता के लिए भी काफी काम और त्याग किया. उन्होंने 'इंडिया', 'विजय' और 'तमिल डेली' का संपादन किया.

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6. भारती देश के पहले ऐसे पत्रकार माने जाते हैं जिन्होंने अपने अखबार में प्रहसन और राजनीतिक कार्टूनों को जगह दी.

7. जिंदगी ने उनका 40 साल से ज्यादा साथ नहीं दिया. लगातार जेल में रहने की वजह से वह बीमार रहने लगे थे. उसी दौरान जिस हाथी को वह रोज खाना खिलाया करते थे उसी ने उन्हें कुचल दिया, जिसके कुछ दिनों के बाद उनकी मौत हो गई.

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