scorecardresearch
 

हॉकी के 'गोल्डन पीरियड' का कच्चा चिट्ठा है किताब 'हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद'

भारतीय हॉकी के इतिहास में मेजर ध्यानचंद का क्या योगदान था? इन सवालों के बखूबी जवाब देती है यह किताब.

Advertisement
X
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का बुक कवर
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का बुक कवर

किताब: हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद
राइटर:
रचना भोला 'यामिनी'
कीमत:
95 रुपये
पेज:
128
प्रकाशक:
प्रभात पेपरबैक्स

Advertisement

मुल्क में जब 'भारत रत्न' की सुगबुगाहट तेज होती है, हॉकी के उस जादूगर का जिक्र जरूर छिड़ता है, जिसे दुनिया मेजर ध्यानचंद के नाम से जानती है. पर ध्यानचंद को भारत रत्न दिए जाने की मांग लंबे वक्त से क्यों हो रही है? भारतीय हॉकी के इतिहास में मेजर ध्यानचंद का क्या योगदान था? इन सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं तो ध्यानचंद की जिंदगी के कई किस्सों को बयां करती है रचना भोला 'यामिनी' की किताब 'हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद.'

'ध्यानचंद न्यूजीलैंड दौरे पर थे. मैदान में खेलते हुए उनकी हॉकी टूट गई थी. दूसरी हॉकी से ध्यानचंद ने खेलना जारी रखा. मैदान में मौजूद खेल फैन्स ने टूटी हॉकी के टुकड़े आपस में बांट लिए. सालों बाद ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार जब न्यूजीलैंड गए तो लोगों ने हॉकी के टुकड़े दिखाकर हॉकी के जादूगर के प्रति अपना प्यार जाहिर किया.'

Advertisement

'हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद' किताब इसलिए भी खास है. क्योंकि ध्यानचंद की जिंदगी के कई ऐसे राज खोलती है, जिसे समझने के लिए आपको कई किताबें पढ़नी पड़ सकती हैं. मसलन 'ध्यानचंद का नाम ध्यानचंद क्यों है' या हिटलर का ऑफर ठुकराने जैसे किस्सों को किताब सामने रखती है. राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद हॉकी आज जिस दौर से गुजर रहा है. पर ऐसा नहीं है. हॉकी शायद एकलौता ऐसा खेल है, जिसने गुलामी के दौर में दुनिया में भारत का डंका बजवाया था. ये किताब ध्यानचंद के अलावा हॉकी के खेल में उस दौर में आने वाली दिक्कतों के बारे में भी बताती है.

क्यों पढ़ें?
अगर आप ध्यानचंद से प्रभावित हैं लेकिन उनके बारे में बहुत कम जानते हैं तो जरूर पढ़ें. ये किताब ज्ञान चक्षु भी खोलती है और मजा भी देती है. अगर आपने ध्यानचंद पर थोड़ा बहुत पढ़ा भी हो, तब भी यह किताब आपको उनकी जिंदगी के और करीब ले जाएगी, जिसने उस वक्त देश का नाम दुनिया में रोशन किया, जब भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था.

क्यों न पढ़ें?
अगर आपके लिए खेल और खिलाड़ी का मतलब क्रिकेट और सचिन तेंदुलकर तक सीमित है, तो माफ कीजिएगा. किताब आपके लिए नहीं है. पर हां, अगर आप हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के जिंदगी के किस्सों को जानना चाहते हैं. तो ये किताब कम वक्त में आपको अच्छा जानकारी दे देती है.

Advertisement
Advertisement