देश में पहली पीढ़ी के कारोबियों की लिस्ट में चमकते रॉनी स्क्रूवाला की पहचान यूटीवी से है. हालांकि उनका बिजनेस करियर इससे बहुत पहले शुरू हो चुका था. टेलीविजन और थियेटर की दुनिया से अपना कारोबार शुरू करने वाले रॉनी ने देश में केबल टीवी की बुनियाद रखी और टूथब्रश बनाने वाले सबसे बड़े मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस में से एक को खड़ा किया.
यूटीवी आज मीडिया, मनोरंजन, टेलीविजन, डिजिटल, मोबाइल, प्रसारण, गेम और मोशन पिक्चर के क्षेत्र में अपना पांव पसारे हुए हैं. पहली पीढ़ी के कारोबारियों के लिए रॉनी स्क्रूवाला आदर्श हैं, जिनसे काफी कुछ सीखा जा सकता है.
अपने बिजनेस करियर और सफलता-असफलता से मिली सीख को निचोड़ते हुए रॉनी स्क्रूवाला ने अपने कारोबारी सफर को किताब की शक्ल में ‘ड्रीम विद योर आइज ओपन’ नाम दिया है. इस किताब को रूपा प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. रॉनी स्क्रूवाला की किताब से हमने अपने पाठकों के लिए निकाले हैं कुछ चुनिंदा सक्सेस टिप्स...
1. इंटरप्रेन्योर बनने के लिए कोई सही और सटीक उम्र नहीं होती, और आपके सिवा कोई दूसरा यह तय नहीं कर पाएगा कि आप कब तैयार हो.
2. 18 बरस की उम्र में मैं कंगाल था, इसी साल कॉलेज में फेल हुआ लेकिन यह सब कुछ मेरे सपनों को खत्म नहीं कर पाया. यह मैंने तय किया कि मैं ऐसा नहीं होने दूंगा. मैंने यह कभी नहीं सोचा कि अगर मैं फेल हो गया तो क्या होगा? अगर आप ‘हाफ स्मार्ट’ हैं, तब भी आप यह पता कर लेंगे कि ‘सरवाइव’ कैसे करना है.
3. ह्यूमर की ताकत को कभी कम करके ना आंके. हंसना जिंदगी के अंधेरे पलों को भी चमकदार इवेंट बना देता है.
4. पैसे या फंड की कमी आपको कभी बिजनेस शुरू करने या बढ़ाने से नहीं रोकता. मेरे डीएनए ने हमेशा मुझे पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए जोर डाला और मैं यह पता करता था कि पैसा कहां से आएगा. यह कोई रणनीति नहीं है और ना ही कोई हल, लेकिन यह एक एप्रोच है.
5. आज के दौर में आपके लिए दूसरों के मुकाबले किसी भी मौके को ज्यादा तेजी और बेहतर तरीके से बड़े पैमाने पर देखना जरूरी है.
6. एक पेशेवर, लीडर या फिर एक एंटरप्रेन्योर के रूप में आपके जीवन में एक समय आता है, जब आप आउटसाइडर होते है. चाहे आपने सेक्टर बदला हो या फिर नौकरी बदली हो. यहां आपका ज्ञान कोर स्ट्रेन्थ नहीं होता, स्थिति को बदलने के लिए तेजी से सीखिए और उससे भी ज्यादा तीक्ष्ण सुनने वाला बनिए.
7. एक इंटरप्राइज को खड़ा करना, उसे बढ़ाना और उसे ऊंचाई पर ले जाना अलग सोच की मांग करता है. अपने लक्ष्य और महात्वाकांक्षा के लेवल पर बर्बर बनिए और उसे योजनाबद्ध करिए.
8. असफलता या चीजों का गलत होना, मौके को ना भुना पाना और गलत निर्णय का परिणाम है.
9. मैं हमेशा अपने पास प्राइवेट रूप से सक्सेस प्लान के साथ सरवाइवल प्लान रखता हूं (सरवाइवल प्लान, प्लान बी नहीं है).
10. 21वीं सदी में किसी आइडिया पर सबसे पहले हिट नहीं करना भी ठीक है. अच्छा होगा कि आप दूसरा या तीसरा बने, आपके पास दूसरे से मिली ढेरों जानकारियों होगी.