किताब: KALIDAS: FOR THE 21st CENTURY READERS
प्रकाशक: ALEPH BOOK COMPANY
अंग्रेजी अनुवाद: मणि राव
कीमत: 399रुपये
जब-जब भारतीय साहित्य की चर्चा होती है, कविता, नाटक और इसमें प्रयोग किए गए उपमा-उपमेय का जिक्र होता है, तब-तब कालिदास जरूर याद किए जाते हैं. संस्कृत ही नहीं, किसी विदेशी भाषा की रचना की प्रशंसा करने और उसका मूल्यांकन करने के वक्त भी भारतीयों को बरबस कालिदास याद आ ही जाते हैं. यह अलग बात है कि कालिदास की रचनाओं को पढ़ने, जानने-समझने का अवसर हर किसी को नहीं मिला होता है. इसमें सबसे बड़ी बाधा आती है संस्कृत भाषा की समझ और ज्ञान का अभाव.
इतना ही नहीं, कई बार कालिदास की रचनाओं के हिंदी अनुवाद भी ऐसे जटिल होते हैं, जो नई पीढ़ी के पल्ले आसानी से नहीं पड़ते. लेखक ने कालिदास की रचनाओं का अंग्रेजी अनुवाद पेश करके इसी अभाव को दूर करने की कोशिश की है.
किताब में कालिदास की कालजयी कविताओं और नाटकों का अंग्रेजी अनुवाद करके रोचक तरीके से पेश किया गया है. अनुवाद में मौलिकता बनी रहे, इसलिए कई तत्सम शब्दों को ज्यों का त्यों बस रोमन लिपि में लिख दिया गया है. संस्कृत के शब्दों का उच्चारण सही तरीके से हो, इसके लिए एक अलग पेज पर निर्देश दिए गए हैं.
कुल मिलाकर देखा जाए, तो अंग्रेजी ओढ़ने-बिछाने वाली पीढ़ी के लिए यह किताब एकदम उपयुक्त है. इस लिहाज से किताब अपने नाम को सार्थक ही करती है.
कालिदास की जिन रचनाओं को इस किताब में शामिल किया गया है, वे हैं ‘मेघदूतम्’, ‘अभिज्ञान शाकुंतलम्’, ‘ऋतुसंहारम्’, ‘रघुवंशम्’, ‘कुमारसंभवम्’, ‘मालविकाग्निमित्रम्’, ‘विक्रमोर्वशीयम्’. कई बार तो यह किताब कालिदास की मौलिक रचना को भी पढ़ने की इच्छा जगा देती है. 'मेघदूतम्' की कुछ पंक्तियां देखिए...
'Raincloud, you’re salve for those burning in love
You’ve got to take my message
Me- ripped by the wrath of Wealth-God Kubera
Take my message to Alaka, city of yaksa-king
Palaces washed by moonlight from the moon
On the head of Siva situated templed
In the outer gardens'
साहित्य में रुचि रखने वालों और अपने देश के ज्ञान-धरोहरों को संजोकर रखने वालों के लिए यह किताब बेहद उपयोगी है. किताब की कीमत जरूर कुछ अखर सकती है.