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क्रैकिंग द कोड: आयुष्मान खुराना के स्ट्रगल की कहानी

पॉपस्टार, रोडीज, रेडियो जॉकी, वीडियो जॉकी, टीवी होस्ट, एक्टर, सिंगर, कंपोजर और अब लेखक. इतनी सारी खूबियां, एक इंसान. मान ना मान यही है आयुष्मान.  आयुष्मान खुरानाबचपन से हीरो बनना चाहते थे. लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कई पापड़ बेले. आयुष्मान का सपना, संघर्ष और जिंदगी की कहानी है 'क्रैकिंग द कोड'.

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किताब का कवर पेज
किताब का कवर पेज

किताब का नाम: क्रैकिंग द कोड
प्रकाशन: रूपा पब्लिकेशन
लेखक: आयुष्मान खुराना, ताहिरा कश्यप
कीमत: 195 रुपये
कवर: पेपरबैक

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पॉपस्टार, रोडीज, रेडियो जॉकी, वीडियो जॉकी, टीवी होस्ट, एक्टर, सिंगर, कंपोजर और अब लेखक. इतनी सारी खूबियां, एक इंसान. मान ना मान यही है आयुष्मान. आयुष्मान खुराना बचपन से हीरो बनना चाहते थे. लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कई पापड़ बेले. कई पड़ाव पार किए, लोगों के कई ताने भी झेले. लेकिन उठते-गिरते वो फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बन ही गए. एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखने वाले आयुष्मान का सपना, उनका संघर्ष और उनकी कहानी हममें से कई लोगों से मेल खाती है. शायद यही वजह है कि उन्होंने अपनी लेक्चरर पत्नी ताहिरा कश्यप के साथ यह किताब लिख डाली.

'क्रैकिंग द कोड' खासतौर से उन लोगों के लिए लिखी गई है, जो मायनगरी में जगह तलाश रहे हैं. किताब में सारी बातें आयुष्मान की जुबानी कही गई हैं. उन्होंने अपनी लव लाइफ से लेकर कॉलेज लाइफ और फिर रियलिटी शो की दुनिया से लेकर अपनी फिल्मी सफर तक के कई किस्से किताब में शेयर किए हैं. साथ ही साथ उन कोड्स, उन इशारों पर जोर दिया है, जिनसे सबक लेकर वो आगे कदम बढ़ते गए.

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हालांकि किताब के पहले तीन पन्ने पढ़कर ऐसा लगेगा कि यह किताब केवल उनके लिए है, जो फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाना चाहते हैं. लेकिन जिस तरह लेखक ने अपनी निजी जिंदगी लोगों के सामने रखी है, उससे कई लोग सबक ले सकते हैं.

तमाम किस्से कुछ यूं बयां किए गए हैं, जैसे आप कोई वन एक्ट प्ले देख रहे हैं. एक स्ट्रगलर जब खुद अपने स्ट्रगल की कहानी कहे, तो उस पर भरोसा भी होता है. हालांकि इस किताब में ऐसी कई बातें हैं जिन्हें आयुष्मान को चाहने वाले पहले से जानते हैं. इसलिए अगर आप ये सोचकर किताब उठाएंगे कि आुष्मान के बारे में आपको कोई खास बात पता चलेगी, तो शायद आपको निराशा होगी.

अगर आपको दूसरों से ज्ञान बटोरने में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो भी आप इस किताब को अंत तक पढ़ना पसंद करेंगे. क्योंकि ना तो किताब में बस किस्से हैं और हर किस्से के बाद एक कोड. किताब अंग्रेजी में है. लेकिन लिखने का अंदाज इतना आसान है कि इसे वो लोग भी समझ सकते हैं जिनकी इस भाषा पर मजबूत पकड़ नहीं है.

क्यों पढ़ें
यह किताब आम जीवनी की तरह नहीं है. लेखक ने जगह-जगह पर कोड और सेल्फ नोट के रूप में पाठकों को यह सुझाव भी देने की कोशिशें की हैं कि वो उनकी गलतियों से सबक लेकर आगे कैसे बढ़ सकते हैं. जाहिर तौर पर हैशटैग के साथ जब कोई अपनी जिंदगी के तमाम सबक आपके सामने पेश करेगा, तो उनमें से कुछ न कुछ तो आपके दिमाग तक जरूर पहुंचेंगे.

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क्यों ना पढ़ें
अगर आप ये सोचते हैं कि हर दूसरे इंसान की जिंदगी अलग होती है. अगर आप ये मानते हैं कि हम दूसरों की गलती से कुछ नहीं सीख सकते.

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