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रसीले किस्सों से मातम के घर में जीवन का उत्सव मनाती किताब 'हम न मरब'

बुंदेलखंड के लुगासी गांव की यह कहानी पांड़े बब्बा की कहानी है. किस्सा उनके परिवार और समाज के टंटों का है. लेकिन बब्बा की मौत इन सबको जोड़ने का काम करती है. शुरू से लेकर अंत तक और संभवत: उसके आगे भी बब्बा के बिना ये किताब नहीं बढ़ सकती.

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ज्ञान चतुर्वेदी की किताब 'हम न मरब' का कवर
ज्ञान चतुर्वेदी की किताब 'हम न मरब' का कवर

किताब: हम न मरब
लेखक: ज्ञान चतुर्वेदी
प्रकाशन: राजकमल प्रकाशन
कीमत: 495 रुपये
कवर: हार्डबाउंड

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'पका आदमी पका आम ही होता है...' किसी ने कहा.
'पका भी क्या, चुसा आम कह लो...' किसी ने बुढ़ापे के रसविहीन होने पर ज्यादा जोर देने का आग्रह किया.
'जे भी सही बात...बल्कि एकदम गुठली घाईं ही मामला समझो...'
'और गुठली भी ****ऐसी कि जिसकी घिसकर पीपनी भी नहीं बनाई जा सके.'

ऐसे ही कई गहराई में डूबे और सूक्ष्मता के आसमान को छूते हुए किस्सों और बतकहियों का गुलदस्ता है ज्ञान चतुर्वेदी की किताब 'हम न मरब'.

अस्सी-पचासी साल का बूढ़ा मर जाए तो मौत के अगले दिन ही रोना मुश्किल हो जाता है. दो दिन बीतते-बीतते यहां-वहां के किस्सों और चुटकुले चल पड़ते हैं. आठवें दिन तक खर्च का डर सताने लगता है. हिसाब के बिल तह करके रखे जाने लगते हैं. जहां तक संपत्ति की बात है, वो तो पहले दिन से ही चल पड़ती है. यही किस्सा कमोबेश हर मौत वाले घर में ढंके-छुपे चलता रहता है इसलिए यह कहानी किताब पढ़ने वाले को अपनी लगेगी.

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बुंदेलखंड के लुगासी गांव की यह कहानी पांड़े बब्बा की कहानी है. किस्सा उनके परिवार और समाज के टंटों का है. लेकिन बब्बा की मौत इन सबको जोड़ने का काम करती है. शुरू से लेकर अंत तक और संभवत: उसके आगे भी बब्बा के बिना ये किताब नहीं बढ़ सकती.

बब्बा से लेकर उनकी बीवी तक, बूढ़ी नानी से लेकर महंत जी के बुढ़ापे तक के किस्सों से गुजरकर यह बताने की कोशिश की गई है कि 'जिंदगी एक चुतियाचंदन वाली दौड़ है. यह कभी खत्म नहीं होती क्योंकि सुख बस एक अफवाह है'. बहुत हद तक लेखक इसमें सफल भी हैं. किताब पढ़कर आपके मन में जीवन की व्यर्थता का ख्याल और इसके प्रति मोह एक ही समय उपजेगा.

किताब का संदेश भारी-भरकम है, लेकिन खांटी बुंदेलखंडी भाषा और गाली-गलौच की चाशनी में घोलकर किताब पेश किया गया है. यही वजह है कि इसके कई किस्से आपको परम फालतू लगे फिर भी आप किताब के पन्ने पलटते जाएंगे. तो अगर आपने ढेर सारे वक्त की बचत कर रखी हो तो इस किताब को पढ़ने में खर्च कर सकते हैं.

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