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बुक रिव्यू: रस्किन की कहानियां

रस्किन के कहानी लेखन की एक बड़ी विशेषता यह भी है कि वे काल्पनिक फिक्शन में भी वास्तविकता का आभास बनाए रखते हैं. इसे पड़ते समय हम पूरी तरह उससे जुड़ जाते हैं.

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रस्किन की कहानियां
रस्किन की कहानियां

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रस्किन बांड एक ऐसे लेखक हैं, जिनकी रचनाओं को हर उम्र के लोग चाव से पड़ते हैं. इसकी मुख्य वजह उनकी कहानियों में गजब की पठनीयता होती है. कहानियों का स्वतः प्रवाह, रोचकता के साथ प्रकृति से जुड़ाव को अनूठी शैली में रचने का उनका अपना अंदाज है. वर्षों से भारत में रह रहे रस्किन यहां की जीवन शैली ही नहीं यहां की संस्कृति और आबो-हवा में पूरी तरह रच-बस गए हैं. यही वजह है कि उनकी रचनाओं में हमें एक अलग ही आस्वाद मिलता है. बात अगर कुछ समय पूर्व छपकर आई उनकी कहानियों के अनूदित संग्रह ‘पैन्थर्स मून’ की करें तो इसमें भी ये सारी खूबियाँ हम साफ तौर पर देख सकते हैं. इस संग्रह में छोटी-बड़ी मिलाकर कुल जमा 12 कहानियां हैं. इनमें हम इंसान और जानवर, या कहना चाहिए, इंसान और जंगली जीवन के अंत:संबंध को देख सकते हैं. यह सम्बन्ध कहीं अचरजकारी रूप से आत्मीय लगता है तो कहीं एक-दुसरे का विरोधी.

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रस्किन के कहानी लेखन की एक बड़ी विशेषता यह भी है कि वे काल्पनिक फिक्शन में भी वास्तविकता का आभास बनाए रखते हैं. इसे पड़ते समय हम पूरी तरह उससे जुड़ जाते हैं. संग्रह की पहली ही कहानी ‘पैन्थर्स मून’ में एक ऐसे खूंखार तेंदुए की रोमांचक कथा है जिसने पास के कई गांवों में अपना आतंक मचा रखा है. हालांकि अंत में वह तेंदुआ मार दिया जाता है लेकिन लेखक ने यह भी बताया है कि वह तेंदुआ आदमखोर बनता कैसे है?

शिकारियों का लालच और विकास का आतंक न केवल प्रक्रति को उजाड़ता है बल्कि जानवरों को भी अप्राकृतिक बनने को मजबूर करता है. ‘बंदरों का आतंक’ कहानी भी बहुत दिलचस्प है. इसमें बंदरों की एक ऐसी शैतान टोली के कारनामे को बताया गया है, जो अपने बगीचे और डहेलिए के फूलों से प्रेम करने वाली एक महिला के जान के दुश्मन बन जाते हैं. ‘दादा जी का बाघ’ कहानी रोचक होने के साथ इंसान और जानवर के संबंध को भी खूबसूरती से सामने रखती है. जंगले में मिले एक बाघ के बच्चे को अपने साथ प्यार से पालने का यह नतीजा होता है कि वह पूरी तरह पालतू बन जाता है. इस कहानी का अप्रत्याशित अंत हमें चौंकाता है. ‘शुतुरमुर्ग और दादाजी का मुकाबला’ भी एक बहुत रोमांचक कहानी है. इसमें एक पल लगने लगता है कि शुतुरमुर्ग कहानी के पात्र दादा जी को घायल कर ही देगी कि तभी उनका पालतू कुत्ता आ जाता है और उनकी जान बच जाती है. कहानी ‘बदला बिल्लौरी’ में गरीब बिन्या को परेशान करने वाली मैडम का अंत कैसा होता है, यह पड़ने लायक है. ‘कौए के रंग अनेक’ एक मजेदार कहानी है, इसमें कौए की हरकतों और उसकी सोच गुदगुदाती है. ‘छोटे बड़े जानवर प्यारे’ कहानी में लेखक की आपबीती जिंदगी की झलक मिलती है.

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कहने का सार यह है कि यह कहानी संग्रह विभिन्न जंतुओं, उनके परिवेश और मानवीय संबंध को खूबसूरती और विविध रूपों में सामने लाता है. पुस्तक का अनुवाद भी सरल है जो कथा को समझने और उसके प्रवाह में कहीं भी बाधा नहीं पहुंचता है.

पुस्तक- पैंथर्स मून

लेखक- रस्किन बांड

अनुवाद- ऋषि माथुर

मूल्य– 195 रुपये

प्रकाशक- राजपाल एंड संस, दिल्ली

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