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बुक रिव्यू: मोहब्बत की ताजादम करती कहानी

चचा गालिब ने ठीक फरमाया है, 'ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजे, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है'. विनय पाटिल की किताब वन लाइफ टू लव में बेहद खूबसूरती से आहसास-ए-मोहब्बत की परतें उधेड़ी गईं हैं. मोहब्बत का किस्सा लिखने के लिए आपको लेखक नहीं आशिक होना पड़ता है. लेखक ने यह काम बखूबी साधा है. 4 दोस्तों की मोहब्बत की दास्तान बहुत संजीदा ढंग से परोसी गई है.

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किताब: वन लाइफ टू लव
लेखक: विनय पाटिल
प्रकाशक: रूपा प्रकाशन

कीमत: 250 रुपये

पृष्ठ: 180

चचा गालिब ने ठीक फरमाया है, 'ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजे, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है'. विनय पाटिल की किताब वन लाइफ टू लव में बेहद खूबसूरती से आहसास-ए-मोहब्बत की परतें उधेड़ी गईं हैं. मोहब्बत का किस्सा लिखने के लिए आपको लेखक नहीं आशिक होना पड़ता है. लेखक ने यह काम बखूबी साधा है. 4 दोस्तों की मोहब्बत की दास्तान बहुत संजीदा ढंग से परोसी गई है.

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मोहब्बत सिर्फ पाने की सनक नहीं होती, यह तो खुद को किसी के लिए खो देने, तज देने का परिश्रम है. कुछ ऐसा ही होता है इस किताब में भी. चार दोस्त हैं रिया, मनीष, साची और आदी. चारों दुनिया-ए-मोहब्बत में दाखिल होते हैं. इसके बाद कैसे उनकी दोस्ती, उनके रिश्ते, मां-बाप के साथ संवाद सब में बदलाव आता है. इनके सफर में इश्क की भी परतें खुलती हैं और कुछ दुनियावी चीजों की भी.

आदी एक हैंडसम नौजवान है जो प्यार-व्यार में यकीन नहीं रखता. लेकिन रुकिए, दरअसल दिल ही दिल में वह अपनी खास दोस्त साची से इश्क भी कर बैठा है. लेकिन साची इस रिश्ते में किसी और किस्म के मोल-भाव के बारे में बिल्कुल नहीं सोचती. दूसरी तरफ रिया जो साची की सबसे अच्छी दोस्त है पूरे कॉलेज की जान है. रिया खूबसूरत है और अमीर भी. रिया का दिल विदित नाम के एक लड़के पर आया हुआ है लेकिन ये जनाब प्यार के इमोशनल ड्रामे में नहीं पड़ते. इनकी ख्वाहिश तो बस पैसा और अमीर लड़कियां हैं. चक्कर ये है कि रिया और साची का एक और दोस्त है मनीष जो रिया के इश्क में दीवाना हुआ बैठा है और उसके लिए कुछ भी करने को तैयार है.

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प्यार के इस घालमेल में ये चारों दोस्त किन-किन स्थितियों में पड़ते हैं और अपनी मोहब्बत पाने में कामयाब होते हैं या नहीं यह जानने के लिए आपको ये किताब पढ़नी पड़ेगी. इन सारी चीजों पर बारीक नजर है इनके मां-बाप की भी. बदलती परिस्थितियों में उनकी क्या प्रतिक्रिया होती है और अपने बच्चों के मोहब्बत में वें विलेन बनते हैं या सपोर्ट सिस्टम यह देखना भी दिलचस्प है.

किताब चार जवान लोगों के बारे में है तो जाहिर है इसमें खूब मस्ती और खिलंदड़पन है. कहानी के उलझावों के बावजूद विनय पाटिल ने बहुत खूबसूरती से इश्क का किस्सा बयां किया है. मार्केट में फैली बहुतेरी लव स्टोरीस से इतर इस किताब को पढ़ते हुए आप भावनाओं के कई आयामों से होकर गुजरेंगे. आप जिंदगी के बारे में सोचना शुरू कर देंगे. कहानी की कामयाबी इसी में है कि जीवन और कहानी में फर्क कर पाना मुश्किल हो जाए. इस मामले में आप इस किताब को पूरे अंक दे सकते हैं. कुल मिलाकर किताब पढ़ने लायक है, पहली फुरसत में निपटा डालिए.

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