किताब: पैशन फ्लावर: 'सेवेन स्टोरीज ऑफ डिरेंजमेंट'
पब्लिकेशन: एलेफ बुक कंपनी
कीमत: 495 रुपये
पन्ने: 200
इंसान खामियों का पुलिंदा है. जिंदगी की धूसर परछाइयां उसे ईश्वर से अलग करती हैं. इसके बावजूद हर कोई परफेक्ट बनना चाहता है. अकसर अपनी सोचने की प्रक्रिया में हम अनैतिक मूल्यों के पनपने और फलने-फूलने को आसानी से स्वीकार नहीं पाते.
हम सब एक सामाजिक दुनिया में रहते हैं जहां दूसरों की नजरों में आकर्षक बने रहने के लिए भीतर के पशु को छिपा लेने का रिवाज है. यह पशु हमारे ही दिमाग का हिस्सा है. यह हमेशा आंशिक रूप से हमारे भीतर सक्रिय रहता है और लुकाछिपी खेलता रहता है. साइरस मिस्त्री की किताब 'पैशन फ्लावर' ऐसी ही सात कहानियों का संग्रह है, जिनमें लोग जिंदगी के स्याह पक्ष को महसूस करते हैं, उन्हें पहचानते हैं और उनसे उबरने के लिए संघर्ष करते हैं.
सातों कहानियों के मुख्य किरदारों में बहुत कुछ आपके और हमारे जैसा है. इसी जुड़ाव के बूते लेखन इन कहानियों से आपको जोड़े रखता है. हालांकि किस्सागोई की रफ्तार कुछ धीमी है, लेकिन आगे बढ़ने के साथ किरदार विकसित होते जाते हैं. इन कहानियों में कई बार क्रमवार तरीके से तो कई बार रैंडम रूप से कालखंड बदलता रहता है. आप साथ-साथ बीते हुए कल और वर्तमान में उसकी झलक को देख पाते हैं.
पहली कहानी है, 'पर्सी'. यह एक स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ देने वाले एक ऐसे शख्स की कहानी है जो अपने बीमार पिता के ग्रामोफोन के जरिये कई साल बाद संगीत से इश्क कर बैठता है. पहले आस-पास के लोग उसे दया और उपहास के भाव से देखा करते थे. लेकिन कई साल तक यौन उत्पीड़न की वेदना और तिरस्कार झेलने के बाद वह खुद को खुश रखना सीख जाता है. जिंदगी उसे पहले जितनी मुश्किल नहीं लगती. उसकी जिंदगी बदल जाती है एक भूत से मिलने के बाद. भूत, जिसके पास उसके लिए एक कारगर सलाह थी.
उम्मीद से लबरेज एक और कहानी है 'अनएक्सपेक्टेड ग्रेस एंड फाइनली चॉप्ड डिल'. यह उन दो महिलाओं के बारे में है जो अलग-अलग मन:स्थिति से उपजी एक सी वेदना झेल रही हैं. एक नई नवेली मां है प्रीति, जो 'अनिद्रा में अकेला' महसूस करती है. यह बेचैन और बेसहारा औरत उन ख्यालों से डरी हुई है कि वह 'अपने छोटे से डेमन झींगे' का गला घोंटकर उसकी जान ले लेगी. वह अपने पति को व्याभिचार की सजा देने के लिए 'मिडीआ' की भी मदद लेती है. दूसरी महिला है शानदार कुक जैसिंथा, जो अपने ही नशेड़ी भाई, उसकी 'चुड़ैल' पत्नी और अपने बीते हुए कल की सताई हुई है. बाद में दोनों अपने अपने 'पशु' पर काबू पाने के उपाय खोज लेते हैं.
रिश्ते कभी एक से नहीं रहते. वक्त की रस्सियां उन पर अपने अच्छे-बुरे निशान छोड़ ही जाती हैं. कहानी 'टू एंग्री मेन' दो पुराने दोस्तों की कहानी है, जिनकी दोस्ती के मायने और तासीर वक्त के साथ बदलते रहते हैं. जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है आपको इल्म होता है कि दोस्ती और व्यापार में से जीत एक की होती है. 'लेट फॉर डिनर' एक पारसी जोड़े की कहानी है जो पार्टी में जाने वाली अपनी बेटी का इंतजार कर रहा है और इस दौरान अपनी ही जिंदगी के पन्ने पलटने लगता है और अतीत की डरावने यादें उनके जेहन पर छाने लगती हैं. 'पैशन फ्लावर' में भी तनावपूर्ण रिश्तों, स्वार्थपूर्ण फैसलों और मतिभ्रम की कहानी बयान की गई है. आनंद एक बॉटनी एक्सपर्ट है. वह अपने सपने पूरा करना चाहता है. लेकिन वह अपने आप में इतना डूब गया है कि अपने मिशन में बाधा डालने वाले हर शख्स को तुच्छ समझता है. अपनी महत्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए वह अपनी नम्रता को दांव पर लगा देता है. वह उन लोगों के खिलाफ भी क्रूर हो जाता है जो वास्तव में उसे नुकसान पहुंचाने की इच्छा नहीं रखते. लेकिन बाद में उसे इस बात का अफसोस होता है.
आखिरी कहानी है 'बोखा'. वह एक लड़के की कहानी है जिसकी स्वार्थी मां उसकी बेसहारा गर्लफ्रेंड सेराफीना को नुकसान पहुंचाने पर आमादा है.
मिस्त्री की कहानियों की खूबी यह है कि आप व्याख्या के लिए छोड़ दिए जाते हैं. वह हर बार पारपंरिक क्लाइमेक्स नहीं देते. बल्कि उसके अर्थ को हमारी जेहन पर छोड़ देते हैं. उनकी कहानियों का अहम सिला यही है कि सब कहानियों का अंत खुशनुमा नहीं होता और यह एक सच्चाई है.
आप इतना समझ लें कि किताब 'पैशन फ्लावर' सिर्फ मंजिल के बारे में नहीं है. यह उस असाधारण यात्रा के बारे में है जिसमें जिंदगी को उसके सामान्य धूसर रंगों के साथ स्वीकारना होता है.