scorecardresearch
 

बुक रिव्यू: आध्यात्मिक तरीके से लाइफ-मैनेजमेंट का पाठ

इमेजिन कीजिये कि आपकी जिंदगी मस्त चल रही है. जरूरतें और शौक पूरी करने भर का कमा रहे हैं. फैमिली लाइफ से भी संतुष्ट हैं. सब चकाचक चल रहा है.

Advertisement
X
Satya Vrat Katha book cover
Satya Vrat Katha book cover

किताब: सत्य व्रत कथा
लेखक: पं. विजयशंकर मेहता
प्रकाशक: राधाकृष्ण प्रकाशन
कीमत: 350 रुपये

Advertisement

इमेजिन कीजिये कि आपकी जिंदगी मस्त चल रही है. जरूरतें और शौक पूरी करने भर का कमा रहे हैं. फैमिली लाइफ से भी संतुष्ट हैं. सब चकाचक चल रहा है. ऐसे में आपको कोई आध्यात्म की तरफ सोचने को कहे तो आप उसकी बात एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल सकते हैं या उसकी बुद्धि पर मुस्कुरा सकते हैं. ये भी हो सकता है कि आप उसकी खुशी के लिए दिखाने भर का ही सही, पूजा पाठ कर डालें.

लेकिन जब आपका बुरा दौर चल रहा हो तो आप धर्म और ज्ञान की बातें एक्स्ट्रा सीरियस होकर सुनते हैं. आपके पास धर्म और पूजा पाठ की तरफ ध्यान देने का समय भी होता है और जरूरत भी. पॉपुलेशन बढ़ी है और साथ ही लोगों की जरूरतें भी, कंपटीशन भी और जल्दी से जल्दी सब कुछ हासिल कर लेने का लालच भी. इस जल्दबाजी में लोग बैलेंस नहीं बना पाते और परेशानियों में फंस जाते हैं.

Advertisement

समस्याओं को आध्यात्मिक तरीके से सुलझाने के तरीके तो बहुत बताए जाते हैं लेकिन सब वही पुराने आउटडेटेड टाइप के. उसको मॉडर्न तरीके और सलीके से गढ़ने की बहुत ज्यादा कोशिश नहीं हुई है. लेकिन पुरानी और विख्यात सत्य नारायण की कथा को नए और प्रासंगिक तरीके से पेश करने की अच्छी कोशिश की है पं. विजयशंकर मेहता ने, अपनी नई किताब 'सत्य व्रत कथा' में. जिसमें उन्होंने कथा को परंपरागत स्वरूप के साथ साथ नए कलेवर में दिखाया है.

कथा को उपयोगी बताने के लिए लेखक ने कथा के पांचों अध्यायों में छिपे संकल्प और मैनेजमेंट के विषय को उभारा है. जैसे पहले अध्याय में सेवा प्रबंधन, बाकी में क्रमशः सम्पत्ति, फैमिली, संघर्ष और संस्कार के तालमेल को इस कथा के माध्यम से जोड़ा. कथा सुनने के तरीके पर चुटकी ली और सही स्टाइल में सुनने पर जोर दिया. और हां ये कहानी के साथ-साथ उसका अंग्रेजी अनुवाद भी करते चले हैं. बाकी संस्कृत के श्लोक तो जरूरी थे ही, इसलिए उनको भी ले लिया है.

क्यों पढ़ें
इधर धर्म और अध्यात्म में लाल रंग का बड़ा इस्तेमाल हो रहा है. लाल किताब बनाने के लिए इसका कवर लाल रखा है. जो दूर से ही किसी धार्मिक किताब होने का अहसास करा देता है. अगर अब तक सत्य नारायण कथा शौक से सुनते रहे हैं और इसके बारे में, इसके विधि विधान के बारे में ज्यादा जानने की इच्छा है तो यह किताब आपके लिए ही है. इसे पढ़कर एक ट्रेडिशनल कथा के बारे में आपके ट्रेडिशनल विचार बदल सकते हैं.

Advertisement
Advertisement