स्पेनिश लेखक जेवियर मोरो की सोनिया गांधी पर लिखी किताब 'द रेड साड़ी ' एक बार फिर पाठकों के लिए उपलब्ध हो सकती है. 2010 में आई इस किताब का कांग्रेस पार्टी और कार्यकर्ताओं ने काफी विरोध किया था जिसके बाद इसे बाजार से हटा लिया गया था.
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की 'नाटकीय जीवनी' के तौर पर चर्चित यह किताब रोली बुक्स प्रकाशन से प्रकाशित हुई थी. बाजार में आते ही इस किताब पर कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोगों ने काफी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. जिसके बाद किताब को बाजार से हटा लिया गया था.
रोली बुक्स के प्रकाशक प्रमोद कपूर ने बताया, 'किताब के स्पेनिश प्रकाशक प्लनेटा ने तब यह कहा था कि भारत में किताब प्रकाशित करने का यह सही समय नहीं है. 2014 आम चुनावों में सरकार बदलने के बाद प्रकाशन गृह ने सोनिया गांधी के वकीलों से पूछा कि क्या अब किताब को प्रकाशित किया जा सकता है. उनकी तरफ से सकारात्मक जवाब मिलने के बाद अब हम यह किताब दोबारा प्रकाशित कर रहे हैं.'
हालांकि इस पूरे मामले पर किताब के लेखक मोरो का दूसरा ही मत है. मोरो कहते हैं '2010 में भी किताब पर बैन नहीं लगाया गया था. बस प्रकाशकों को डर दिखाया गया था. अब मैं चाहता हूं कि यह किताब पहले अमेरिका में प्रकाशित हो. मिसेज गांधी के वकीलों को इस बात से आपत्ति थी कि किताब में उनकी इटली में बीती जिंदगी के बारे में विस्तार से लिखा गया था. अब उनके विरोध के कारण मैं यह तो नहीं लिख सकता था कि सोनिया गांधी भारत में ही पैदा हुई थीं.'
2015 में इस किताब को प्रकाशित करने की तैयारी कर रहे रोली बुक्स के प्रमोद कपूर कहते हैं, 'मैं मानता हूं कि यह एक ऐसी कहानी है जिसे हर किसी को पढ़ना चाहिए. सोनिया गांधी एक अरब से ज्यादा लोगों की नेता थीं. यह किताब उनके संघर्ष और सफर की कहानी है.'