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साहित्य तक बुक कैफे टॉप 10: 'अनुवाद' श्रेणी में एडी जाकु, आंधारी, महानगर वियना और मैं रवीन्द्रनाथ की पत्नी भी शामिल

'साहित्य तकः बुक कैफे टॉप 10' पुस्तकों की 17 श्रेणियों में आज 'अनुवाद' विधा की बारी. इसमें एडी जाकु, आंधारी, ड्रेबल्स, महानगर वियना, मैं रवीन्द्रनाथ की पत्नी और 'मनुष्य, पृथ्वी और अंतरिक्ष' सहित जो पुस्तकें शामिल हैं. पूरी सूची

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साहित्य तक 'बुक कैफे टॉप 10': 'अनुवाद' श्रेणी
साहित्य तक 'बुक कैफे टॉप 10': 'अनुवाद' श्रेणी

भारतीय मीडिया जगत में जब 'पुस्तक' चर्चाओं के लिए जगह छीजती जा रही थी, तब इंडिया टुडे समूह के साहित्य के प्रति समर्पित डिजिटल चैनल 'साहित्य तक' ने हर दिन किताबों के लिए देना शुरू किया. इसके लिए एक खास कार्यक्रम 'बुक कैफे' की शुरुआत की गई... और इसी 'बुक कैफे टॉप 10' की शृंखला में आज हिंदी में अनूदित पुस्तकों की बात.
साल 2021 की जनवरी में शुरू हुए 'बुक कैफे' को दर्शकों का भरपूर प्यार तो मिला ही, भारतीय साहित्य जगत ने भी उसे खूब सराहा. तब हमने कहा था- एक ही जगह बाजार में आई नई किताबों की जानकारी मिल जाए, तो किताबें पढ़ने के शौकीनों के लिए इससे लाजवाब बात क्या हो सकती है? अगर आपको भी है किताबें पढ़ने का शौक, और उनके बारे में है जानने की चाहत, तो आपके लिए सबसे अच्छी जगह है साहित्य तक का 'बुक कैफे'. 
हमारा लक्ष्य इन शब्दों में साफ दिख रहा था- "आखर, जो छपकर हो जाते हैं अमर... जो पहुंचते हैं आपके पास किताबों की शक्ल में...जिन्हें पढ़ आप हमेशा कुछ न कुछ पाते हैं, गुजरते हैं नए भाव लोक, कथा लोक, चिंतन और विचारों के प्रवाह में. पढ़ते हैं, कविता, नज़्म, ग़ज़ल, निबंध, राजनीति, इतिहास, उपन्यास या फिर ज्ञान-विज्ञान... जिनसे पाते हैं जानकारी दुनिया-जहान की और करते हैं छपे आखरों के साथ ही एक यात्रा अपने अंदर की. साहित्य तक के द्वारा 'बुक कैफे' में हम आपकी इसी रुचि में सहायता करने की एक कोशिश कर रहे हैं."
हमें खुशी है कि हमारे इस अभियान में प्रकाशकों, लेखकों, पाठकों, पुस्तक प्रेमियों का बेपनाह प्यार मिला. इसी वजह से हमने शुरू में पुस्तक चर्चा के इस साप्ताहिक क्रम को 'एक दिन, एक किताब' के तहत दैनिक उत्सव में बदल दिया. साल 2021 में ही हमने 'साहित्य तक बुक कैफे टॉप 10' की शृंखला भी शुरू की. उस साल हमने केवल अनुवाद, कथेतर, कहानी, उपन्यास, कविता श्रेणी में टॉप 10 पुस्तकें चुनी थीं.
साल 2022 में हमें लेखकों, प्रकाशकों और पुस्तक प्रेमियों से हज़ारों की संख्या में पुस्तकें प्राप्त हुईं. पुस्तक प्रेमियों का दबाव अधिक था और हमारे लिए सभी पुस्तकों पर चर्चा मुश्किल थी, इसलिए 2022 की मई में हम 'बुक कैफ़े' की इस कड़ी में 'किताबें मिली' नामक कार्यक्रम जोड़ने के लिए बाध्य हो गए. इस शृंखला में हम कम से कम पाठकों को प्रकाशकों से प्राप्त पुस्तकों की सूचना दे पाते हैं.
आपके प्रिय लेखकों और प्रेरक शख्सियतों से उनके जीवन-कर्म पर आधारित संवाद कार्यक्रम बातें-मुलाकातें और किसी चर्चित कृति पर उसके लेखक से चर्चा का कार्यक्रम 'शब्द-रथी' भी 'बुक कैफे' की ही एक कड़ी का हिस्सा है.
साल 2022 के कुछ ही दिन शेष बचे हैं, तब हम एक बार फिर 'साहित्य तकः बुक कैफे टॉप 10' की चर्चा के साथ उपस्थित हैं. इस साल कुल 17 श्रेणियों की टॉप 10 पुस्तकें चुनी गई हैं. साहित्य तक किसी भी रूप में इन्हें कोई रैंकिंग करार नहीं दे रहा. संभव है कुछ बेहतरीन पुस्तकें हम तक पहुंची ही न हों, या कुछ पुस्तकों की चर्चा रह गई हो. पर 'बुक कैफे' में शामिल अपनी विधा की चुनी हुई ये टॉप 10 पुस्तकें अवश्य हैं. 
पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने की 'साहित्य तक' की कोशिशों के प्रति सहयोग देने के लिए आप सभी का आभार.
साहित्य तक 'बुक कैफे-टॉप 10' अनुवादः हिंदी में प्रकाशित टॉप 10 अनूदित पुस्तकें
* 'दुनिया का सबसे खुशहाल इंसान', एडी जाकुः यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जो अपने को पहले जर्मन और यहूदी मानता था, पर नवंबर 1938 में उसकी दुनिया तब बदल गई जब उसे पीटा गया और गिरफ़्तार कर एक यातना-शिविर में ले जाया गया. अगले सात वर्षों तक एडी का हर दिन अकल्पनीय भय और संत्रास में बीता. पहले बुकेनवाल्ड, फिर ऑश्वित्ज़ और फिर एक नाज़ी डेथ-मार्च के दौरान उन्होंने अपना परिवार, दोस्त और अपने देश को खो दिया. चूंकि एडी बच निकले थे, इसलिए उन्होंने हर दिन मुस्कुराने की कसम खाई. अंग्रेजी में यह पुस्तक The Happiest Man on Earth: The Beautiful Life of an Auschwitz Survivor नाम से प्रकाशित हुई थी. जिसका बेहतरीन हिंदी अनुवाद यामिनी रामपल्लीवार ने किया है. प्रकाशकः मंजुल पब्लिकेशन हाउस
* 'आंधारी', नमिता गोखलेः यह उपन्यास भारत में अब भी किसी न किसी रूप में क़ायम संयुक्त परिवार के चौमंज़िला यथार्थ की गाथा है. कोविड में जब दुनिया थम गई थी, तब जीवन और मृत्यु के बीच भी सपने, पूर्वानुमान, रिश्ते और जीवन का संघर्ष कायम था. मातंगी-माँ के बहाने साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित कथाकार एक बुजुर्ग महिला के अंतर्मुखी-बहिर्मुखी जगत, उसकी बाहरी और भीतरी संरचनाओं के समतोल ऐसे गढ़ा है, जिसमें वह वर्तमान के साथ अपने अतीत को न केवल संजोती है, बल्कि भविष्य को भी गढ़ती चलती है. उसके इस साहस को कोविड की व्याधि और सांप्रदायिकता का उन्माद भी प्रभावित नहीं कर पाता. अंग्रेजी में 'The Blind Matriarch' नाम से यह उपन्यास Penguin Viking से प्रकाशित हुआ, जिसका हिंदी अनुवाद प्रभात रंजन ने किया है. प्रकाशकः राजकमल प्रकाशन
 * 'हमारी दुनिया ड्रेबल्स की तीन पीढ़ियों द्वारा', बिशन सहाय, रुचि रंजन और इशिका रंजन: अनोखा संग्रह, जिसकी 'सिम्फनी' में 86 कहानियां हैं. ये ड्रेबल्स के रूप में हैं. प्रत्येक कहानी ठीक 100 शब्दों में है. पढ़ने में आसान ये कहानियां खेल-खेल में विज्ञान,, गणित, रोमांच के साथ कल्पना और विनोद का अनोखा मिश्रण हैं. यह एक ही परिवार की विभिन्न पीढ़ियों का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन शख्सियतों द्वारा लिखी गई हैं, जिनकी प्रशंसा रस्किन बॉन्ड और सचिन तेंदुलकर जैसे लोगों ने भी की है. यह पहले अंग्रेजी में  Our World A Symphony of Drabbles by Three Generations नाम से प्रकाशित हुई थी, जिसका हिंदी अनुवाद उमा पाठक ने किया है. प्रकाशकः रुपा पब्लिकेशंस
* 'हमारा इम्पॉसिबल लव', दुर्जोय दत्ताः यह एक औपन्यासिक कृति है, जो दानिश और आयशा नामक अपने पात्रों के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश करता है कि जीवन जिस तरह से है और जैसा होना चाहिए, उसे वैसे ही प्यार करो. उपन्यासकार का संदेश वाक्य है- प्यार तब होता है, जब इसकी उम्मीद नहीं होती..जीवन हमें सिखाता है कि 'प्यार' वास्तव में क्या है, और प्यार देता है 'जिंदगी' की परिभाषा. अंग्रेजी में भी यह उपन्यास Our Impossible Love नाम से ही प्रकाशित हुआ था. हिंदी अनुवाद प्रभात रंजन ने किया है. प्रकाशकः पेंगुइन रैंडम हाउस इम्प्रिंट के तहत हिन्द पॉकेट बुक्स
* 'केरल के कवि और उनकी कविताएं', संपादन, अनुवाद- अनामिका अनुः मलयालम साहित्य बहुत समृद्ध है. उसके रचनाकारों को हिंदी में भी बहुत चाव से पढ़ा जाता रहा है. कवयित्री अनु ने केरल के प्रतिष्ठित और प्रतिभावान कवियों की चुनिंदा श्रेष्ठ रचनाओं को संकलित कर उनका बेहतरीन अनुवाद किया है. इस संकलन में के. सच्चिदानंदन, अय्यप्पा, पणिक्कर, गोपीकृष्णन कुट्टूर, जोर्ज आर., चंद्रमोहन एस., गीता जानकी, मीरा नायर, नीरदा सुरेश, मैथ्यू जैस्पर, गीता नायर और सोनी सोमाराजन जैसे कवि शामिल हैं. प्रकाशकः लिटिल बर्ड पब्लिकेशंस
* 'आपके अवचेतन मन की शक्ति', डॉ जोसेफ़ मर्फ़ीः यह पुस्तक मस्तिष्क की आधारभूत सच्चाइयों को आसान भाषा में समझाने की कोशिश करती है, और दावा करती है कि इसमें बताई तकनीक के अमल से उन चमत्कारिक शक्तियों को जाना जा सकता है, जो पाठक को दुविधा, दुख, उदासी और असफलता के कुचक्र से बाहर निकालने में मदद करती हैं. अंग्रेजी में The Power Of Your Subconscious Mind नाम से प्रकाशित इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद पूजा प्रियंवदा ने किया है. प्रकाशकः पेंगुइन रैंडम हाउस इम्प्रिंट के तहत हिंद पॉकेट बुक्स
* 'बड़ा सोचें, बड़ा करें', अंकुर वारिकू. यह एक प्रेरक पुस्तक है, जो अपने पाठकों को असफलताओं से बचाने का दावा करती है. लेखक कहता है कि लोगों की सबसे बड़ी गलतफ़हमी है कि केवल वे ही हैं, जो अपने जीवन में उलझे हुए हैं, बाकी सब सुलझे हुए हैं. ऐसा नहीं है. वह बताते हैं कि जब आप अपनी योग्यताओं का निर्माण कर रहे होते हैं, तब आप जो सबसे महत्त्वपूर्ण चीज़ बनाते हैं वह है, आपकी प्रतिष्ठा. अंग्रेजी में यह पुस्तक Do Epic Shit नाम से प्रकाशित हुई थी, जिसका हिंदी अनुवाद डॉ सुधीर दीक्षित ने किया है. प्रकाशकः मंजुल पब्लिशिंग हाउस
* 'महानगर वियनाः कई परतें अनदेखी', पीटर रोसोई. ऑस्ट्रियाई लेखक की जर्मन भाषा में लिखी महान कृति, जो नई सदी के नये महानगर 'वियना' की युद्धोत्तर बाद की व्यथा से घिरे समाज का चेहरा दिखाती है. कथाकार बताता है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद एक पूरी सदी युद्ध के प्रभाव से ऐसे प्रभावित हुई कि देश, काल, भौगोलिक परिधि ही नहीं उस दौर की संस्कृतियां तक भरभरा गयीं. यह कृति युद्ध की हिंसा और उससे उत्पन्न भीषण रक्तपात से परे अस्त्र-शस्त्रों से दूर उस मनोवैज्ञानिक हिंसा का भी चित्रण करती है जो ऑस्ट्रियाई समाज और वियना पर पड़ा. जर्मन में यह पुस्तक Wien Metropolis नाम से प्रकाशित हुई, जिसका बेहतरीन और शानदार पठनीय भावानुवाद रंगकर्मी लेखिका रमा पाण्डेय ने किया है. प्रकाशकः वाणी प्रकाशन
* 'मैं रवीन्द्रनाथ की पत्नी', रंजन बंद्योपाध्याय. यह उपन्यास मृणालिनी देवी की गाथा कहता है, जिनका सिर्फ एक ही परिचय था, कि वे विश्वकवि की सहधर्मिणी हैं. अपनी अट्ठाइस वर्षों की जिंदगी के उन्नीस वर्ष वह रबींद्रनाथ की विराट छाया में उनकी पत्नी के रूप में जिंदा रहीं, पर उनका अन्तर्जगत हमेशा अंधेरे में रहने को अभिशप्त रहा. मानो उनका अपना इतर कोई अस्तित्व नहीं. लेकिन क्या सचमुच ऐसा था? क्या अपने निजी जीवन में मृणालिनी ने दाम्पत्य का सहज सुख पाया, क्या वे अपने जीवनसाथी की सच्ची सहधर्मिणी हो पाईं? क्या उन्हें रबीन्द्रनाथ की पत्नी के रूप में प्रेमपूर्ण जीवन जीने को मिला? यह एक स्त्री के सम्पूर्ण मन-प्राण के व्यथा की बेहतरीन अभिव्यक्ति है. मूलतः बांग्ला में लिखी इस कृति का हिंदी अनुवाद शुभ्रा उपाध्याय ने किया है. प्रकाशकः राजकमल प्रकाशन
* 'मनुष्य, पृथ्वी और अंतरिक्ष', बिल ब्रायसन. यह एक अनोखी और रोचक वैज्ञानिक पुस्तक है. जिसमें संसार, मनुष्य और ब्रह्मांड से संबंधित लगभग हर चीज का संक्षिप्त इतिहास मौजूद है. यह पुस्तक बिग बैंग, सुपरनोवा, ज्वालामुखी, उसमें होने वाले विस्फोट, महासागर में जीवन से लेकर सभ्यता के उदय तक मानव दिमाग में उपजने वाले ऐसे सवालों - जैसे धरती क्या है? यहां जीवन कैसे आया? आसमान में चमकते सितारों में कोई हम जैसा है क्या? क्या वहां भी कोई जीवन है? का वैज्ञानिक उत्तर तलाशती है.  अंग्रेजी में यह पुस्तक 'A Short History of Nearly Everything' नाम से प्रकाशित है, जिसका हिंदी अनुवाद  नीलम भट्ट ने किया है. प्रकाशकः मंजुल पब्लिशिंग हाउस.
सभी लेखकों, प्रकाशकों, अनुवादकों को बधाई!

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