किताब: आप खुद ही Best हैं
लेखक: अनुपम खेर
प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन
अनुवाद: दीपिका रानी
दाम: 200 रुपये
कवर: पेपरबैक
मशहूर फिल्म स्टार अनुपम खेर ने अपने लंबे फिल्मी करियर के बाद एक किताब लिखी, The Best Thing About You Is You! इसी किताब का हिन्दी अनुवाद है 'आप खुद ही best हैं'. अनुपम खेर अपनी फिल्मों में कई संवेदनशील पात्रों को जी चुके हैं और असल जिंदगी में भी उन्होंने बहुत कुछ देखा और उनसे सीखा है. थोड़ा निर्मम होते हुए कहा जाए किताब में ऐसा कोई ब्रह्मज्ञान नहीं है जिससे हम वाकिफ न हों. जो बातें लिखी गई हैं वे हमें पता हैं, लेकिन कहीं न कहीं हम उसे समझने या अपनाने से कतराते रहते हैं. शुरुआत में किताब आपको बोरिंग लग सकती है क्योंकि कई बातों को दोहराया गया है, लेकिन आगे बढ़ने के साथ आपका मन किताब में रमने लगता है.
इस किताब को 50 चैप्टर में बांटा गया है और लेखक ने कोशिश की है कि कोई भी चैप्टर गैरजरूरी रूप से लंबा न खींचा जाए, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली है. दुख, सुख, जीवन में बदलाव की अहमियत, दोस्ती, संघर्ष हर एक विषय को बहुत अच्छे से दर्शाया गया है. हर चैप्टर में निश्चित ही ऐसी कुछ बातें जरूर हैं जिन्हें अपने जीवन में उतारकर आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं. अगर आप शिव खेड़ा के फैन हैं तो आपको किताब उपयोगी लग सकती है. हर चैप्टर की शुरुआत में ही लेखक ने पूरे चैप्टर का सारांश दिया है. मसलन, 34वें चैप्टर 'एक मुस्कुराहट तनाव को दूर कर सकती है', की शुरुआत में लिखा गया है, 'हम अपने बॉस की कितनी भी बकवास सुन लेंगे, जिनकी ओर हम दूसरी नौकरी पाने के बाद देखेंगे तक नहीं, लेकिन जिन लोगों से हम वाकई प्यार करते हैं, उनकी कोई बात सुनने को हम तैयार नहीं होते. इस बारे में सोचिए, तब आपको कम से कम अपने घर में तनाव पर काबू पाना आ जाएगा.'
क्यों पढ़ें ये किताब?
अगर आपके 'जिंदगी के कंसेप्ट' वाकई क्लियर नहीं है, आप परेशान हैं, मदद खोज रहे हैं और आपको यकीन है कि कुछ पढ़कर उसे शिद्दत से जिंदगी में उतार पाएंगे तो यह किताब उपयोगी हो सकती है. अनुपम खेर ने अपनी ज़िंदगी में बहुत संघर्ष किया है और शायद इसीलिए उन्हें कामयाबी की कद्र करना आता है. वह कितने अच्छे लेखक हैं यह कहना मुश्किल है, पर अपनी पहली किताब में छाप छोड़ते जरूर नजर आते हैं.
किताब के कुछ बेहतरीन हिस्से
-भीगा हुआ आदमी बारिश से नहीं डरता.
-आपकी खुशी आपके हाथों में है. निराशा या दुख में कोई महान गुण या सच्चाई नहीं तलाश की जा सकती. हमारा मस्तिष्क एक सूटकेस की तरह है. कभी न कभी आपको ये फैसला लेना होगा कि क्या आपको आगे ले जाना है और क्या छोड़ना है. आपके पास खोने के लिये कुछ नहीं है और बुरा वक्त भी बीते दिनों की बात बन कर रह जाएगा.