साहित्य आजतक 2024 के दूसरे दिन महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साहित्यकारों को 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' प्रदान किए. कुल 8 साहित्यकारों को आजतक साहित्य जागृति सम्मान दिया गया. गीतकार गुलजार को इस साल 'आजतक साहित्य जागृति लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान' दिया गया है.
'आज तक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान' (लेखक), 'आज तक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान' (लेखिका), 'आज तक साहित्य जागृति लोकप्रिय लेखक सम्मान' और हिंदी के साथ ही भारतीय भाषाओं को सम्मानित करने के लिए 'आजतक साहित्य जागृति भारतीय भाषा सम्मान' के विजेताओं को एक लाख रुपये की सम्मान राशि, स्मृति चिह्न और मान-पत्र दिया गया. वहीं 'आजतक साहित्य जागृति उदीयमान प्रतिभा सम्मान' लोकप्रिय श्रेणी के विजेता को पचास हजार रुपये की राशि, स्मृति चिह्न और मान-पत्र दिया गया.
आजतक साहित्य जागृति उदीयमान लेखिका पुरस्कार सिनीवाली को उनकी 'हेती-सुकन्या अकथ कथा' कृति के लिए दिया गया.
आजतक साहित्य जागृति भारतीय भाषा सम्मान 2024 प्रदीप दाश को उनकी कृति चरु, चीवर और चीर्या के लिए दिया गया.
आजतक साहित्य जागृति उदीयमान लेखक का पुरस्कार 2024 अमरेश द्विवेदी को 'रंग पुटुसिया' के लिए दिया गया है.
आजतक साहित्य जागृति लोकप्रिय लेखक सम्मान यतींद्र मिश्र को पुस्तक 'गुलज़ार सा'ब : हज़ार राहें मुड़ के देखीं के लिए मिला.
आजतक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान लेखक शिवमूर्ति को 'अगम बहै दरियाव' की रचना के लिए दिया गया.
आजतक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान 2024 ऊषा प्रियम्वदा को मिला. उन्होंने उपन्यास अर्कदीप्त लिखा है
आजतक साहित्य जागृति भारतीय भाषा प्रतिभा सम्मान भरत खेनी को 'राजा रवि वर्मा' कृति के लिए दिया गया.