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साहित्य आज तक 2022: तेरी मिट्टी में मिल जावां... वाले बी प्राक को सुनने के लिए हो जाइए तैयार

दिल्ली के मेजर ध्यानचऺद नेशनल स्टेडियम में 18 नवंबर से 20 नवंबर तक हो रहे 'साहित्य आज तक 2022' में बी प्राक भी अपना जलवा बिखेरेंगे

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बी प्राकः युवाओं के चहेते गायक
बी प्राकः युवाओं के चहेते गायक

साहित्य आज तक 2022 की तैयारियां जोरों पर हैं. अभी हम आपको गीत-संगीत जगत से जुड़ी उन हस्तियों के बारे में बता रहे हैं, जो साहित्य, शब्द और संस्कृति के इस महाकुंभ में अपना जलवा बिखेरेंगे. देश में भारतीय भाषाओं के साहित्य के सबसे बड़े मंच 'साहित्य आज तक 2022' की घोषणा के साथ ही आपके मन में यह कयास शुरू हो गया होगा कि इस साल इसमें कौन कब शिरकत करेगा. 
हम आपको इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सहमत साहित्यकारों, गीतकारों और कलाकारों की जानकारी यहीं दे रहे हैं. आपको इतना तो हम बता ही चुके हैं कि देश की राजधानी दिल्ली के केंद्र में स्थित मेजर ध्यानचऺद नेशनल स्टेडियम में यह मेला इस साल 18 नवंबर से 20 नवंबर तक होने जा रहा है.
हमारे साथ जो नए मेहमान जुड़ रहे हैं वो हैं प्रतीक बच्चन. शायद आपने इन्हें पहचाना नहीं? तो हम आपको बता दें ये वो हैं, जिन्होंने 'केसरी' फ़िल्म में तेरी मिट्टी में मिल जावां, शेरशाह फ़िल्म में रांझा, फ़िलहाल, मन भरेया जैसे हिट गाने दिए. जी हां आपने सही समझा. हम बात कर रहे हैं बी प्राक की. 
बी प्राक एक भारतीय गायक और संगीत निर्देशक हैं जो पंजाबी और हिंदी संगीत से जुड़े हुए हैं. उन्होंने एक संगीत निर्माता के रूप में अपना करियर शुरू किया और बाद में 'मन भरेया' गीत के साथ एक गायक के रूप में शुरुआत की. 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्राक ने 'तेरी मिट्टी' के गायन के लिए 2021 में सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक का पुरस्कार भी जीता.
बी प्राक अब बॉलीवुड में एक बड़ा नाम बन चुके हैं, देश और दुनिया में उनके लाखों प्रशंसक उनके गाने पर झूम उठते हैं. उनके हिंदी और पंजाबी गाने की फेहरिस्त तो लंबी है ही मगर उन्होंने महेश बाबू के फिल्म सरिलरु नीकेवरु के लिए अपना पहला तेलुगु गीत सूर्युदिवो चंद्रुदिवो गा कर तेलुगु संगीत जगत में भी पर्दापण कर लिया है. उनके गाने फ़िलहाल को यूट्यूब पर 1 बिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है. 
तो तैयार हो जाइए बी प्राक के साथ एक शानदार शाम का गवाह बनने के लिए. लिख लीजिए साहित्य आज तक 2022 की तारीखें. ये मेला 18, 19 और 20 नवंबर को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में सज रहा है. 
याद रहे कि हर बार की तरह इस साल भी 'साहित्य आज तक कला, सिनेमा, संगीत, थिएटर, राजनीति और संस्कृति से जुड़े दिग्गजों से टेलीविजन के बड़े एंकर उनकी किताबों, प्रस्तुतियों, काम, समसामयिक विषयों पर खुले मंच पर चर्चा करेंगे. इस दौरान नाट्य, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी रखी गई हैं.
साहित्य आज तक के पिछले संस्करणों में जिन गायकों ने हिस्सा लिया है उनमें शुभा मुद्गल, वडाली ब्रदर्स, मालिनी अवस्थी, हंस राज हंस, कैलाश खेर, नूरा सिस्टर्स, निज़ामी बंधु, रेखा भारद्वाज, विद्या शाह, मैथिली ठाकुर, उस्ताद राशिद अली, उस्ताद  शुजात हुसैन खान, रुहानी सिस्टर्स, स्वानंद किरकिरे, अनूप जलोटा, पंकज उधास, इरशाद कामिल, मनोज मुंतशिर, संदीपनाथ, शैली के अलावा सलमान अली आदि शामिल हैं.
'साहित्य आज तक' के मंच पर अब तक जावेद अख्तर, अनुपम खेर, कुमार विश्वास, प्रसून जोशी, पीयूष मिश्रा, अनुराग कश्यप, चेतन भगत, आशुतोष राणा, कपिल सिब्बल, नजीब जंग, हंस राज हंस, मनोज तिवारी, अनुजा चौहान, रविंदर सिंह, चित्रा मुद्गल, अशोक वाजपेयी, उदय प्रकाश, मालिनी अवस्थी, दारेन शाहिदी, उदय माहुरकर, हरिओम पंवार, अशोक चक्रधर, पॉपुलर मेरठी, गोविंद व्यास, राहत इंदौरी, नवाज देवबंदी, राजेश रेड्डी, स्वानंद किरकिरे, नासिरा शर्मा, मैत्रेयी पुष्पा, शाज़ी ज़मां और देवदत्त पटनायक जैसी हस्तियां शामिल हो चुकी हैं.
साहित्य आज तक यानी शब्द, संगीत और संस्कृति के इस महाकुंभ में गायन, वादन, चर्चा, बहस, साहित्यिक परिचर्चा के अलावा मुशायरा और कवि सम्मेलन भी हो रहा है. तो कौन, कहां, कब, किस मंच की शोभा बढ़ाएगा, इसकी जानकारी आपको आने वाले दिनों में इसी जगह मिलती रहेगी, पर असली सूची रजिस्ट्रेशन की लाइन ओपेन होने के बाद ही पता चलेगी. 
 

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