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पूंजीपति राजनीतिक पार्टियों में भी करते हैं इन्वेस्टमेंट..., देश की मौजूदा सियासत पर बोले लेखक विनोद अग्निहोत्री

Sahitya Aaj Tak 2022: दिल्ली में 18 नवंबर से सुरों और अल्फाजों का महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2022' शुरू हो गया है. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में कई जाने-माने लेखक, साहित्यकार व कलाकार शामिल हो रहे हैं. साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2022' के मंच से दूसरे दिन कई हस्तियों ने भाग लिया. इस दौरान लेखकों ने राजनीति पर बात की.

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साहित्य आजतक के मंच पर उपस्थित जाने-माने लेखक.
साहित्य आजतक के मंच पर उपस्थित जाने-माने लेखक.

Sahitya AajTak 2022: नई दिल्ली में आयोजित साहित्य आजतक के मंच पर दूसरे दिन 'सियासत का संग्राम' सेशन में देश के जाने माने लेखकों ने मौजूदा सियासत पर चर्चा की. इस दौरान जाने माने लेखक विनोद अग्निहोत्री, अक्कू श्रीवास्तव, विजय त्रिवेदी और अनंत विजय शामिल हुए. इस दौरान सभी मेहमानों से 'सियासत का संग्राम' पर चर्चा की गई.

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कार्यक्रम में इस दौरान विजय त्रिवेदी ने पूछा गया कि आप काफी लंबे समय तक भाजपा और संघ को कवर करते रहे हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा दोनों एक हैं. दोनों में संगम हो गया है. दोनों के बीच कोई विरोधाभास नहीं है.

उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सर संघचालक मोहन भागवत एक ही रास्ते पर चल रहे हैं. पीएम समझते हैं कि संघ को जो एजेंडा है, वही उनका भी एजेंडा है. दोनों संघ के एक ही बैच के हैं. इन्हीं सभी बातों को लेकर 'संघम् शरणम् गच्छामि' लिखा.

विजय त्रिवेदी ने कहा कि पॉलिटिकल पार्टियों का इन्वेस्टमेंट म्यूचुअल फंड्स की तरह है. पीएम मोदी या भाजपा के खिलाफ लड़ाई की बात जब भी होती है तो एक बड़ा मंच लगाकर क्षेत्रीय दलों को साथ जोड़ने की बात कही जाती है. देश में चुनावों का इतिहास बहुत लंबा है, जिसमें बड़े से बड़े नेता हारे हैं. भाजपा अलग-अलग मार वाली मिसाइलें बनाकर छोड़ती रहती है. जहां पर जैसी मिसाइल की जरूरत हुई, वहां वैसी मिसाइल बनाती रहती है.

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देश के पूंजीपति राजनीतिक पार्टियों में इन्वेस्टमेंट करते हैंः विनोद अग्निहोत्री

वहीं किसान आंदोलन पर लिखी गई किताब को लेकर विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि मैंने काफी समय तक किसान आंदोलन को कवर किया है, इसी के साथ मजदूरों के कई आंदोलन देखे. बतौर पत्रकार ये सब देखने के बाद विचार आया कि इस पर किताब लिखी जानी चाहिए. किताब लिखने का विचार अन्ना हजारे आंदोलन के समय आया था.

उन्होंने कहा कि किताब लिखने की प्रेरणा पत्नी से मिली. 'आंदोलनजीवी' पुस्तक लिखने वाले विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि राजनीति में हमेशा पूंजीपति निवेश करते रहे हैं. लोग पार्टियों में भी इन्वेस्टमेंट करते हैं, उनका भी सेंसेक्स होता है. उन्होंने कहा कि अगली किताब राजनीति पर लिखने वाला हूं. विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि 

राहुल गांधी भारत जोड़ने चले थे, सावरकर पर बातें करने लगेः अनंत विजय

इस दौरान स्मृति ईरानी पर केंद्रित किताब लिखने को लेकर किए गए सवाल के जवाब में लेखक अनंत विजय ने कहा कि 1955 से पढ़ता रहा हूं कि साहित्य संकट में है, इसी विचार को लेकर किताब लिखने का विचार आया. हिंदी का परचम पूरी दुनिया में फहरा है. उन्होंने कहा कि वह पुस्तक स्मृति ईरानी नहीं, बल्कि राहुल गांधी पर केंद्रित है. इसमें अमेठी में हुई हार को लेकर बातें कही गई हैं.

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अनंत विजय ने राहुल गांधी पर कहा कि वे चले थे भारत जोड़ने और सावरकर पर बात करने लगे हैं. इस दौरान अनंत विजय ने अमेठी की राजनीति पर भी कई बातें कीं. उन्होंने कहा कि भविष्य में धारा 370 पर आधारित किताब लिख रहा हूं.

देश में हमेशा बनी रहेगी क्षेत्रीय दलों की जरूरत: अक्कू श्रीवास्तव

साहित्य आजतक के मंच पर उपस्थित जाने-माने लेखक.

लेखक अक्कू श्रीवास्तव ने क्षेत्रीय दलों की जरूरत पर बात करते हुए कहा कि इस समय क्षेत्रीय दलों की जरूरत भी मायने रखती है. लंबे समय से देश में क्षेत्रीय दल बनते बिगड़ते रहे हैं. अक्कू श्रीवास्तव ने आगे कहा कि क्षेत्रीय दलों की जरूरत हमेशा बनी रहेगी.

अक्कू ने कहा कि क्षेत्रीय दलों पर बात करते हुए कहा कि आजतक जाति के स्तर पर देश में कई पार्टियां बन चुकी हैं. देश के हर राज्य में दल बन चुके हैं. ये पार्टियां अपना सेंसेक्स बनाकर बड़े दलों में मर्ज हो जाती हैं. या भाव के आधार पर बड़े दलों में शामिल हो जाती हैं. इस दौरान अक्कू श्रीवास्तव की नई किताब 'उत्तर उदारीकरण के आंदोलन' का अनावरण भी किया गया.

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