Sahitya Aaj Tak 2022: ठीक दो साल बाद साहित्य आजतक का मंच एक बार फिर सज गया है. 18 नवंबर से 20 नवंबर तक यानी पूरे तीन दिनों के लिए दिल्ली के मेजर ध्यानचऺद नेशनल स्टेडियम में साहित्य का मेला लग गया है. शुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया. इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस-चेयरपर्सन कली पुरी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि दो साल बाद आप सबसे मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है. जगह नई है, लेकिन अंदाज वही साहित्य आजतक वाला है.
कली पुरी ने कहा कि हम एक ब्रेक के बाद आए हैं तो इसलिए इस साल का प्रोग्राम हमने और भी शानदार बनाया है. बिल्कुल आपके फेवरेट चैनल आजतक के जैसा पावर पैक्ड. उन्होंने कहा कि पांच स्टेज, 300 कलाकार देश के हर कोने से अपने टैलेंट के साथ आए हैं, जो हम सबको जोड़ देंगे. कला में कोई भेदभाव नहीं होता है. जो बात दिल का छू जाए, उसकी भाषा ही कुछ और होती है. जैसे आपका और हमारा 22 साल का अनोखा रिश्ता.
उम्मीद है- ये हमारी छोटी सी भेंट पसंद आएगी
कली पुरी ने कहा कि जो हमारे साथ पहली बार जुड़ रहे हैं, उनको बता देना चाहते हैं कि ये साहित्य आजतक का पांचवां संस्करण है. आपके सारे फेवरेट एंकर भी यहां मौजूद हैं. वैसे भी ये पूरी टीम का सबसे फेवरेट इवेंट होता है. क्योंकि ये हम सबके लिए मौका है, आपको शेरो- शायरी, मुशायरा, संगीत, नाटक और कविता के माध्यम से शुक्रिया करने का आपके सपोर्ट के लिए. हर प्लेटफॉर्म पर- टीवी, मोबाइल, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और ऐप पर आपने हमें टॉप पर रखा है. वैसे तो यारी दोस्ती, मोहब्बत में हिसाब नहीं होता है. पर हमारी ये इच्छा है और उम्मीद है कि ये हमारी छोटी सी भेंट आपको पसंद आएगी.
तीन दिन साहित्य में खो जाने का मौका
कली पुरी ने कहा कि पिछले दो साल जब हम इवेंट लाइव नहीं कर पाए, तो साहित्य की दुनिया को कायम रखने के लिए हमने नया मोबाइल डिजिटल चैनल शुरू किया- साहित्य तक. हर मुश्किल में छिपा होता है- नया मौका. साहित्य तक तेजी से आगे बढ़ रहा है. कम ही समय में 20 लाख सब्सक्राइबर, 70 लाख से ज्यादा व्यूज हो चुके हैं. आप भी यहां अपने खुद के लिखे अल्फाज शेयर कर सकते हैं. इस साल हमारे माइक के लाल स्टेज के लिए 1 हजार रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. अगर आप एक शायर हैं या कवि हैं तो ये आपके लिए एक बड़ा मौका हो सकता है. शरमाइये नहीं, माइक को आजमा लीजिए. जिंदगी ना मिलेगी दोबारा. ये इवेंट एक जश्न है- भारत की संस्कृति और कला का. तीन दिन पूरा मजा लीजिए. साहित्य में खो जाइए. याद रखिए- मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा. शुरू करते हैं साहित्य आजतक 2022. इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत सुधांशु बहुगुणा और उनकी टीम ने सरस्वती वंदना के साथ की.