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पाकिस्तान में हुए पंगे पर बोले जावेद अख्तर- बात टेढ़ी करोगे तो जवाब तो मिलेगा

'साहित्य आजतक 2023' के मंच पर इस वाकया को संबोधित करते हुए जावेद अख्तर ने कहा- मैं तो वहां बहुत अच्छी तरह गया था. बड़ी गुडविल में. हम वहां थोड़ी लड़ने गए थे. हम अच्छी खासी बात कर रहे थे कि वो कहते हैं न कि बादाम खा रहे होते हैं तो बीच में कड़वा बादाम आ जाता है. तो वो एक कड़वा बादाम आ गया. 

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जावेद अख्तर
जावेद अख्तर

'साहित्य आजतक 2023' के मंच पर जावेद अख्तर ने आकर समा बांध दिया. इतने दिलचस्प किस्से अपने जीवन के सुनाए कि क्या ही कहने. जाते-जाते जावेद ने अपनी पाकिस्तानी कॉन्ट्रोवर्सी पर भी बात की. दरअसल, जावेद अख्तर पाकिस्तान के एक इवेंट में शामिल होने के लिए गए थे. वहां उन्होंने 26/11 मुंबई टेरर अटैक पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि इस हमले को अंजाम देने वाले लोग आपके मुल्क में अभी भी घूम रहे हैं तो ये शिकायत अगर हर हिंदुस्तानी के दिल में है तो, आपको बुरा नहीं मानना चाहिए. 

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गीतकार ने किया रिएक्ट
जब जावेद साहब यह सब बोल रहे थे तो पाकिस्तानी जनता ने उनके स्टेटमेंट पर खूब तालियां बजाईं, बाद में जावेद अख्तर को यही लोग खरी-खोटी सुनाने लगे. 'साहित्य आजतक 2023' के मंच पर इस वाकया को संबोधित करते हुए जावेद अख्तर ने कहा- मैं तो वहां बहुत अच्छी तरह गया था. बड़ी गुडविल में. हम वहां थोड़ी लड़ने गए थे. हम अच्छी खासी बात कर रहे थे कि वो कहते हैं न कि बादाम खा रहे होते हैं तो बीच में कड़वा बादाम आ जाता है. तो वो एक कड़वा बादाम आ गया. 

"तो उन्होंने जो एक सवाल किया हमसे. तो फिर तो जवाब देना पड़ेगा. फिर हम चाहे लाहौर में बैठे हों या कहीं और. तो मैंने वो जवाब दे दिया. इसलिए कि आपने सवाल ऐसा कर दिया मुझसे. आप जब अच्छी तरह बात कर रहे हैं तो हम भी अच्छी बात कर रहे हैं. आप वो बात क्यों निकाल रहे हैं तो ठीक है फिर खुलकर बात हो जाए. तो मैंने कर दी. मैंने जवाब दे दिया. तो वो कांटा फंस गया. मैं डरा नहीं. बेबाक जवाब दिया. अब आप कुछ कह रहे हैं तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे न."

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जावेद अख्तर ने 'देश हिंदुओं की सहनशीलता की वजह से चल रहा है', पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मैं ये कहता हूं कि हिंदुओं की सहनशीलता सिर्फ दूसरों से नहीं अपने लोगों से भी जरूरी है. बात क्या है कि दो तरह के समाज होते हैं. एक समाज होता है कि जिसमें हम जो कुछ कह रहे हैं, बस वही सही है. इसमें किसी ने भी हमें अपोज किया तो उसको तो हम खत्म कर देंगे. एक दूसरा समाज ये है कि एक ये भी पॉइंट ऑफ व्यू है, एक ये भी है और एक ये भी है... तो यह है सही सहनशीलता.

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