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साहित्य आज तक में मिलें 'मस्ती की पाठशाला' वाले प्रसून जोशी से...

प्रसून जोशी एक ही टाइम और स्पेस में देश के सफल एड-गुरु, गीतकार और कवि हैं. इस शनिवार (12 नवंबर) आप उनसे दिल्ली में रू-ब-रू हो सकते हैं और वो भी बिना कोई फीस लगाए. उनसे मिलने का मौका न चूकें...

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Prasoon Joshi
Prasoon Joshi

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प्रसून जोशी के नाम से वाकिफ लोग इस बात से भलीभांति परिचित होंगे कि वे सिर्फ गीतकार नहीं हैं. उनकी गीतों और कविताओं में समकालीन सामाजिक सरोकार को साफ-साफ महसूस किया जा सकता है. जिनके शब्द रोंगटे खड़े कर देते हैं. सीने में हूक सी उठा देते हैं. जिनकी कविताएं बॉर्डर के उस पार तक चली जाती हैं.

वे एक ही समय पर एड-गुरु, पटकथा लेखक और गीतकार हैं. जिनके शब्द दिल को बेधने की क्षमता रखते हैं. जब बचपन तुम्हारी गोद में आने से कतराने लगे, जब मां की कोख से झांकती जिंदगी बाहर आने से कतराने लगे, समझो कुछ गलत है कहीं सुनाई पड़ता है तो बरबस ही प्रसून याद आ जाते हैं. 

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वे जितना एड लिखने में सहज हैं वे उसी सरलता से फिल्मों के लिए गीत भी लिख सकते हैं. उदाहरण के लिए ठंडा मतलब कोकाकोला और तारे जमीन पर का लिखा गया उनका गीत क्या इतना बुरा हूं मैं मां को याद कर लें,

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वे गीतकार, एड-गुरु, पटकथा लेखक होने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी 'मैकऐन इरिक्सन' के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. वे उत्तराखंड राज्य के रहवासी हैं और फिलवक्त भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री के भीतर सफल गीतकारों के तौर पर जाने जाते हैं. उनकी तीन पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं. इसके अलावा वे दिल्ली 6, तारे जमीन पर, रंग दे बसंती, हम तुम और फना जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए गीत लिख चुके हैं. उनके द्वारा लिखे गए गीतों से ही फिल्मों में आधी जान आ जाती है. इसके अलावा वे लज्जा, आखें और क्योंकि के लिए भी संगीत दे चुके हैं.

प्रसून भले ही बाजार के लिए लिखते हों लेकिन उनके द्वारा लिखी गई कविताओं सिर्फ और सिर्फ आमजन की संवेदना होती है. चाहे वह लड़कियों-महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव पर लिखा गई शर्म आ रही है ना हो या फिर मुंबई आतंकी हमले के बाद लिखी गई उनकी कविता इस बार नहीं हो. पेशावर के स्कूल में होने वाले आतंकी हमले के बाद लिखी गई उनकी पंक्तियां पूरी दुनिया में सराही गईं.

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अगर आप भी इस मशहूर शख्सियत को आमने-सामने सुनना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि देश का नंबर एक खबरिया चैनल आज तक देश-दुनिया के दिग्गजों को आज तक साहित्य महाकुंभ का आयोजन करा रहा है. यहां आप प्रसून जोशी से रू-ब-रू हो सकेंगे. वे इंडिया गेट के नजदीक इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स में आयोजित 'मस्ती की पाठशाला' में शिरकत करेंगे. वे वहां स्टेज 1 (मेन लॉन) में 12 बजे से 13 बजे के बीच मौजूद रहेंगे. ऐसे में यह सुनहरा मौका न चूकें. इस वीकेंड मस्ती की पाठशाला का हिस्सा बनें. इस इवेंट में दाखिल होना पूरी तरह मुफ्त है और आप यहां क्लिक कर खुद को आसानी से रजिस्टर कर सकते हैं.

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रजिस्टर करने के लिए यहां क्लिक करें...

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