साहित्य आजतक लखनऊ के मंच पर बॉलीवुड और टीवी एक्टर राजीव खंडेलवाल और डायरेक्टर आदित्य सरपोतदर पहुंचे. दोनों ने अपनी नई सीरीज 'द सीक्रेट्स ऑफ द शिलेदार्स' को लेकर बात की. छत्रपति शिवाजी महाराज के ऐतिहासिक खजाने की खोज पर आधारित इस शो में राजीव खंडेलवाल ने लीड रोल निभाया है. वो ट्रेजर हंटिंग कर रहे हैं. सेशन की मॉडरेटर नेहा बाथम संग बातचीत में आदित्य सरपोतदर और राजीव खंडेलवाल ने शो को बनाने, एक्शन सीन्स करने में आए चैलेंज और सोशल मीडिया पर होने वाली आलोचना और ट्रोलिंग पर बात की.
राजीव खंडेलवाल से पूछा गया कि क्यों उन्होंने इस शो और किरदार को चुना? राजीव को इंडस्ट्री में काफी कूजी माना जाता है. एक्टर ने बताया कि वो इतने चूजी नहीं हैं. जो प्रोजेक्ट उन्हें उत्साहित महसूस करवाते हैं वो उन्हें हां कर देते हैं. सीरीज 'द सीक्रेट्स ऑफ द शिलेदार्स' अपने आप में बहुत नायाब है. उन्हें नहीं लगता कि ऐसा शो कभी बॉलीवुड या टीवी या ओटीटी के लिए बना है. ये एक ट्रेजर हंट शो है और इसमें काम करते हुए राजीव असल जिंदगी में भी ट्रेजर हंटिंग कर रहे थे, क्योंकि उन्हें सही में नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है. एक्टर ने ये भी बताया कि ये पहला शो था कि जिसमें उन्हें होमवर्क नहीं करना पड़ा. डायरेक्टर आदित्य उनसे क्लासवर्क करवाते थे.
आलोचना पर बोले राजीव खंडेलवाल
राजीव खंडेलवाल उन एक्टर्स में से हैं, जो सोशल मीडिया पर मौजूद तो हैं लेकिन एक्टिव नहीं हैं. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें शो के लिए काफी प्यार मिल रहा है. वो यूं तो सोशल मीडिया से महीनों तक गायब रहते हैं, लेकिन पिछले 15 दिन में वो काफी एक्टिव हो गए हैं. उन्हें एक तरह से इसका एडिक्शन हो गया है. राजीव रोज सुबह उठकर फैंस के मैसेज पढ़ते हैं और रिएक्शन देखते हैं. राजीव ने ये भी कहा कि उनका मानना है कि सोशल मीडिया भ्रम पैदा करता है. आपको लगता है कि कोई आपके लिए अपशब्द भी कह रहा है तो आप उसे सच मानने लगते हैं. लेकिन एक्टर को नहीं लगता कि सोशल मीडिया पर कोई असली भी है. उन्हें लगता है कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल असली इंसान कह ही नहीं सकते हैं.
सोशल मीडिया पर मिलने वाली आलोचना को लेकर भी राजीव खंडेलवाल और आदित्य सतपोतदर ने बात की. एक्टर ने कहा कि कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिज्म उन्हें पसंद है. लेकिन जबरदस्ती बुराई करने वाले लोगों को वो असली नहीं मानते. राजीव ने कहा, 'जब आलोचना आपकी होती है और वो आपकी सोच से मेल खाती है. आप जानते हैं कि ये कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिज्म है तो आपको दुख नहीं होता. जब आपको लगता है कि कोई आलोचना कर रहा है जान बूझकर गलत मंसूबे से कोई आपको नीचे गिराने की कोशिश कर रहा है. जिसमें आपको लगता है कि ये तो गलत बोल रहे हो तुम मैंने ये तो किया ही नहीं, तुम अपना एक व्यू पॉइंट दे रहे हो, तब आपको लगता है कि आपका अप्रोच ही गलत है. जब आपके इर्द-गिर्द के लोग जैसे आपके दोस्त और आपकी वाइफ आलोचना करते हैं तो आपको बुरा नहीं लगता. दुख होता है लेकिन आपको पता होता है कि आप कहीं कम थे और उन्होंने पकड़ लिया इस बात को.'
रणवीर इलाहाबादिया पर आदित्य का कमेंट
डायरेक्टर आदित्य ने यहां विवादों में फंसे रणवीर इलाहाबादिया का उदाहरण देते हुए ट्रोलिंग पर बात की. उन्होंने कहा, 'हर कोई ये समझेगा कि आलोचना और ट्रोलिंग में बहुत फर्क है. और ये फर्क सब समझते हैं. आलोचना तब आती है कि ये हमें अच्छा नहीं लगा, ये आप बेहतर करते या मेरा टाइम... लेकिन ये बहुत जरूरी है आजकल. बहुत लोगों पर उसका (ट्रोलिंग) का असर पड़ता है. देखिए अभी जो करंट चल रहा है उसी के बारे में बात करना चाहता हूं कि जो अभी बीच में हुआ, जो क्लिप वायरल हुई और ट्रोलिंग हो रही है इन सब यूट्यूबर्स (रणवीर इलाहाबादिया) की. तो मुझे लगता है कि आलोचना हमें सबमें करना ही चाहिए. 100 प्रतिशत आलोचना करो. लेकिन कभी कभी न लिमिट क्रॉस हो जाती है ट्रोलिंग के वक्त. और जब ट्रोल होता है तो सामने वाला न एक पर्दे के पीछे बैठा है, उसका चेहरा ही नहीं दिखने वाला. उसका न नाम आता है, न फोटो आता है. तो वो अनाब-शनाब बोल देता है. और फिर वो जान से मारने की धमकी से लेकर सेक्शुअल धमकी तक, ये सारी चीजें शुरू होती हैं. तो कोई भी जिसकी तरफ ये आप रहा है न उसपर असर होगा. कोई भी बोलेगा कि नहीं होता है, तो लोग अफेक्ट होते हैं. तो मुझे लगता है हमें समझना चाहिए एक कम्यूनिटी एक रूप में भी कि कितनी आलोचना सही है और कितनी ट्रोलिंग सही है.'
एक्शन करने में लगी राजीव को चोट
राजीव खंडेलवाल ने बताया कि सीरीज 'द सीक्रेट्स ऑफ द शिलेदार्स' में एक्शन करने के दौरान उन्हें कमर में चोट लग गई थी. इसे उन्होंने शुरुआत में सीरियस नहीं लिया, लेकिन डॉक्टर के पास जाकर उन्हें पता चला कि उन्हें असल में स्लिप डिस्क हुआ है. एक्टर बोले कि उन्हें एक सीन में 30 फुट की ऊंचाई से जंप मारना था. वो बहुत ही हार्ड जंप हुआ. उन्हें तब कमर में झटका आया लेकिन ये नहीं पता चला कि ये कितनी गहरी बात है. शूटिंग महाराष्ट्र के रायगढ़ फोर्ट में हो रही थी. कुछ दिनों तक राजीव ने शूटिंग की और उनकी कमर का दर्द बढ़ता चला गया. फिर उन्होंने डायरेक्टर आदित्य से कहा कि उन्हें डॉक्टर के पास जाना ही होगा.
राजीव खंडेलवाल ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें स्लिप डिस्क होने के बाद में बताया था. साथ ही आराम करने की सलाह भी दी थी. हालांकि शूटिंग का शेड्यूल फिक्स होने की वजह से उन्होंने शूटिंग को जारी रखना सही समझा. राजीव ने कहा कि वो सेट पर बेल्ट बांधकर बैठते थे. दो लोग सीन करने के लिए कुर्सी से उठने में उनकी मदद करते थे. आदित्य को भी उनसे काम करवाते हुए बुरा लग रहा था. ऐसे में वो बहुत हिचकिचाते हुए दरखवास्त करते कि एक सीन को दोबारा कर लेते हैं या फिर थोड़ा हो सके तो दौड़कर आ जाओ.