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साहित्य आजतक के मंच पर 'नमक इश्क का' बिखेरने आ रहीं रेखा भारद्वाज

भारतीय फिल्मों की प्रख्यात पार्श्वगायिका और हिंदुस्तानी संगीत की शान रेखा भारद्वाज इस साल साहित्य आजतक के मंच पर होंगी.

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#SahityaAajtak19 के मंच पर होंगी सुरों की मलिका रेखा भारद्वाज
#SahityaAajtak19 के मंच पर होंगी सुरों की मलिका रेखा भारद्वाज

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नई दिल्लीः वह बॉलीवुड के परदे पर भारतीय लोक संस्कृति की शान तो हैं ही, जब मंच पर होती हैं, तो संगीत का झरना बहता है. रावण फिल्म का रांझा रांझा ना कर हीरे जग बदनामी होय... हो या ओंकारा फिल्म गाना...नमक इश्क का...रेखा भारद्वाज की आवाज सीधे दिल में पैठती है.

भारतीय फिल्मों की यही प्रख्यात पार्श्वगायिका और हिंदुस्तानी संगीत की शान रेखा भारद्वाज साहित्य आजतक के मंच पर इस साल होंगी. अपने अनूठे लहज़े और लोकप्रिय गायन शैली के चलते रेखा भारद्वाज एक अलग पहचान रखती हैं. साहित्य आजतक 2019 के मंच की एक खास बात यह है कि साहित्य के दिग्गजों के साथ, कला, संस्कृति और संगीत के तमाम बड़े दिग्गज भी मंच पर होंगे.

रेखा भारद्वाज के गाने इश्क की छौंक को विविध रंग रुपों में संगीत प्रेमियों तक पहुंचते हैं. फिल्म दिल्ली 6 का 'सास गारी देवें ससुर जी समझा लेवे ससुराल गेंदा फूल...' हो या सात खून माफ़ फिल्म का यह गाना 'डार्लिंग, आंखों से आंखे चार करने दो...' जैसे रेखा भारद्वाज के सुरीले गीत अब भी जब बजते हैं, कानों में देशज मिठास घुल जाती है.

साहित्य आजतक के मंच पर रेखा भारद्वाज पहली बार आ रही हैं. अब तक के अपने फिल्मी करियर में रेखा ने कई बेहतरीन गाने गाए हैं. जिसे संगीत के दीवाने बड़ी शिद्दत से गुनगुनाते हैं. उनकी आवाज़ में गजब की कशिश है जो युवाओं के दिल में सीधे उतरकर अपना दीवाना बना लेती है. ये जवानी है दीवानी फिल्म का गाना 'रे कबीरा मान जा रे फ़कीरा मान जा आजा तुझको पुकारे तेरी परछाइयां, रे कबीरा मान जा. कैसा तू है निर्मोही कैसा हरजाइया... भी उन्हीं की आवाज में रस घोलता है.

साहित्य आजतक के दर्शकों को उन्हीं रेखा भारद्वाज के मोहब्बत भरे जज्बात में घुले गानों के विविध शेड्स सुनने को मिलेंगे. उनके गानों में लोक संस्कृति का अनूठा संयोजन देखने को मिलता है...याद कीजिए डेढ़ इश्किया फिल्म का यह गाना 'हमरी अटरिया पे आजा रे सजनवा...' यह गाना गांव की माटी में पनपी चाहत और मुहब्बत का जादू बिखेरता है.

तो तैयार हो जाइए जादुई आवाज़ की स्वामिनी सुरों की इस मलिका रेखा भारद्वाज को सीधे सुनने के लिए साहित्य आजतक 2019 के मंच पर. इससे पहले की देर हो जाए, साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019 ' के लिए अभी रजिस्ट्रेशन कराएं.

भारतीय साहित्य, कला, संगीत, संस्कृति का यह सबसे बड़ा जलसा इस साल भी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 1 नवंबर से 3 नवंबर को लग रहा है. तो वक्त ही कितना बचा है. इससे पहले की देर हो, फ्री रजिस्ट्रेशन का लाभ उठाएं. जल्दी ही यहां दिए लिंक साहित्य आजतक 2019 पर क्लिक करें, और रजिस्ट्रेशन करा लें या फिर हमें 8512007007 नंबर पर मिस्ड काल करें.

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