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दिल्ली में श्रद्धा मर्डर केस पर बोले कुमार विश्वास- 'ये वो इश्क नहीं, जो मैंने 15-20 साल सिखाया'

Sahitya Aaj Tak 2022: ठीक दो साल बाद साहित्य आजतक का मंच एक बार फिर सज गया है. शनिवार को दूसरे दिन भी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में साहित्य के शौकीनों की भीड़ देखने को मिल रही है. आज साहित्य के इस महाकुंभ में 'KV Show' प्रोग्राम में कवि और सिंगर कुमार विश्वास ने हिस्सा लिया.

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कुमार विश्वास.
कुमार विश्वास.

Sahitya Aaj Tak 2022: 'साहित्य आजतक 2022' के मंच पर दूसरे दिन कवि और सिंगर कुमार विश्वास ने समां बांध दिया. 'KV Show' में कुमार विश्वास आते ही सीधे ऑडियंस से जुड़े. उनके गीतों पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं. कुमार विश्वास ने कहा कि दिल्ली में करीब 3 साल बाद आया हूं. उन्होंने शुरुआत- 'कृपा, रुतबा, इनायत, मेहरबानी, बेअसर निकली. मुझे बदनाम करने की निशानी बेअसर निकली. मेरे हर लफ्ज का जादू जमाने की जुबां पर है. तुम्हारी साजिशों की हर कहानी बेअसर निकली' से की.

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कुमार विश्वास ने कहा- लोग पूछते हैं कि अब दिल्ली में दोबारा कब दिखेंगे? उन्होंने कहा- मैंने हिंदी की मार्केट बनाई. मार्केट के हिसाब से हिंदी नहीं बनाई. दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस पर कुमार ने कहा कि दो तीन दिन से काफी कष्ट में हूं इस खबर से. जो इश्क मैंने सिखाया 15-20 साल, वो ये 35 टुकड़ों वाला नहीं है. मोहब्बत करो तो 35 टुकड़ों वाली नहीं. बेटियों से कहना चाहता हूं कि किसी से प्रेम करना, लेकिन अगर कोई आपके आत्मसम्मान को ढेस पहुंचाए तो पलटकर जवाब देना. दिल्ली केस में आफताब से नाराजगी है. लेकिन, उन माता-पिता, शिक्षक और सहेलियों से ज्यादा नाराजगी है, जिन्होंने ये नहीं सिखाया कि कोई अगर आपको एक थप्पड़ मारे और आप पलटकर प्रतिकार ना करें. मैं एक बेटी का बाप होने की हैसियत से भी कह रहा हूं.

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कुमार विश्वास ने कहा- सोशल मीडिया पर एक अलग चेहरा है. उसने (आफताब) फेसबुक पर लिखा था- पटाखे ना जलाएं, बच्चे डरते हैं और खुद 35 टुकड़े कर दिए. अगर आपके आसपास बेटियां हैं, चाहे वो किसी रूप में हों. समझ लेना कि भगवान आसपास मौजूद हैं. ईश्वर को जब आपके पास करुणा, ममता, क्षमा और तपस्या को भेजना होता है तो बेटियां भेजते हैं. बेटे वो सौभाग्यशाली हैं, जिन पर लड़कियां कंधे पर अपना सिर रख देती हैं.

कुमार विश्वास ने बेटियों को लेकर पढ़ा- 'पल भर में जीवन महकाएं, पल भर में संसार जलाएं, कभी धूप है कभी छांव है, बर्फ कभी अंगार, लड़कियां जैसे पहला प्यार....बचपन के जाते ही इनकी गंध बसे तन, मन में, एक कहानी लिख जाती हैं- ये सबके जीवन में.... बचपन की ये विद्या निशानी, यौवन का उपहार. इनके निर्णय बड़े अजब हैं, बड़ी अजब हैं बातें. दिन की कीमत पर गिरबी रख लेती हैं ये रातें. हंसते गाते कर जाती हैं आंसू का व्यापार...'

कुमार ने आगे पढ़ा- 'जानें कैसे कब कर बैठें जानबूझकर भूलें, किसे प्यास से व्याकुल कर दें, किसे लवों से छू लें. किस का जीवन मरुथल कर दें, किस का मस्त बहार...'

कुमार विश्वास ने कहा- श्रद्धा वॉल्कर और देश की बेटियों से कहना चाहता हूं- नो मीन्स नो... इसकी खातिर भूखी-प्यासी, रहें रातभर जागें... इसकी पूजा को ठुकराएं, छाया से भी भागें. इसके आगे छुई मुई हैं- उसके तलवार... लड़कियां जैसे पहला प्यार... राजा के सपने मन में हैं और फकीरों संग हैं, जीवन औरों के हाथों में, खिंची लकीरों के संग है. किस्मत सी जगमग हैं, सपनों सी जगमग हैं....

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कुमार ने योगी को लेकर कहा- I Love him

कुमार विश्वास ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आजतक के मंच पर खूब तारीफ की. कुमार विश्वास ने कहा- I love hime. उन्होंने कहा- अन्य राज्यों के सीएम मुझसे कहते हैं कि तुम्हारा सीएम प्रेम करने से रोकता है. इस पर मैं कहता हूं- shut up. हमारे पीएम का कहना है कि ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा. हालांकि, कुछ लोग उठाकर विदेश चले गए हैं. इसी तरह, हमारे सीएम कहते हैं कि ना किया है, ना करेंगे.

कुमार

कुमार विश्वास ने कहा कि दो साल बाद मिला हूं आपसे. याद करो दो साल पहले फोन उठाने से डरते थे. राम का आभार जताओ कि दो साल बाद कोरोना के बाद जीवित बचे हैं हम सब. इस देश में राम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चला कि राम काल्पनिक हैं या वास्वतिक. इसी बीच, रामनवमी की छुट्टी पड़ गई.

कुमार ने सुनाया- 'किसी को देखने के लिए एक पल काफी है. उसे पसंद करने के लिए एक दिन काफी है. उसे मोहब्बत करने के लिए एक साल काफी है. लेकिन उस एक चेहरे को भुलाने के लिए जिंदगी छोटी है.'

कुमार

रानी लक्ष्मी बाई की जयंती पर कुमार विश्वास ने कहा- दोनों हाथों में घोड़े की लगाम थामी और अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया. रानी ने कहा- जब तक मेरी नसों में खून की एक बूंद बाकी है, अंग्रेजों में औकात नहीं कि वे मेरी झांसी पर कब्जा कर सकें. कुमार ने इंदिरा गांधी की जयंती पर भी नमन किया.

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