scorecardresearch
 

'हर मुख्यमंत्री को ऐसी पुलिस चाहिए, जो उसके काम आ सके...', साहित्य आजतक में बोले रिटायर्ड आईपीएस

दिल्ली के मेजर ध्यानचऺद नेशनल स्टेडियम में शब्द-सुरों का महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2023' का आज दूसरा दिन है. यह कार्यक्रम 26 नवंबर तक होना है. यहां किताबों की बातें की जा रही हैं, फिल्मों की महफिल सज रही है. सियासी सवाल-जवाबों के साथ तरानों के तार भी छिड़ रहे हैं. आज के सेशन में अपराध पर बात की गई.

Advertisement
X
साहित्य आजतक के मंच पर उपस्थित मेहमान.
साहित्य आजतक के मंच पर उपस्थित मेहमान.

Sahitya Aaj Tak 2023: राजधानी दिल्ली में 24 नवंबर से सुरों और अल्फाजों का महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2023' शुरू हो चुका है. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आज दूसरा दिन है, जिसमें कई जाने-माने लेखक, साहित्यकार व कलाकार शामिल हो रहे हैं. साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2023' के दूसरे दिन 'अपराध बिकता है' सेशन में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर विभूति नारायण राय, लेखक व पत्रकार जयंती रंगनाथन, पालतू बोहेमियम के लेखक प्रभात रंजन और 'साइबर एनकाउंटर्स और खाकी में इंसान' के लेखक और उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार शामिल हुए.

Advertisement

सेशन में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर विभूति नारायण राय ने कहा कि आज जैसी पुलिस है, पुराने समय में सभी हाकिमों को ऐसी ही पुलिस चाहिए थी. इसके बाद जो नए हाकिम आए, उन्हें भी ऐसी ही पुलिस चाहिए थी. उन्होंने पुलिसिंग में कोई भी बुनियादी सुधार नहीं किए. किसी मुख्यमंत्री को कौन सा दरोगा सबसे अच्छा लगता है.

उन्होंने कहा कि मैं 37 साल आईपीएस में रहा, कई जिलों का कप्तान रहा. मेरा अपना अनुभव बताता है कि कोई मुख्यमंत्री उस दरोगा को सबसे ज्यादा पसंद करता है, जो उसके विरोधियों की टांग तोड़ दे.जो उसके समर्थकों के खिलाफ मुकदमे न लिखे. कहने पर कोई भी गलत काम करने के लिए तैयार हो जाए. ये खास तरह का चरित्र है, जो हर शासक चाहता है. ये अंग्रेज भी चाहते थे, और जो बाद में नए शासक आए वे भी चाहते हैं.

Advertisement

विभूति नारायण ने कहा कि मैं जनता से कहता हूं कि हमने कभी कोई ऐसा बड़ा आंदोलन क्यों नहीं किया, किसी चुनाव में इसे मुद्दा क्यों नहीं बनाया कि हमें एक सभ्य पुलिस चाहिए. हम बेहतर पुलिसिंग डिजर्व करते हैं. आज भी यूपी में तीसरे चौथे दिन किसी अपराधी की टांग में गोली मारकर पुलिस ले जाती है और हम खुश होते हैं. अगर हमें बेहतर पुलिस चाहिए तो हमें उसके लिए काम करना पड़ेगा.

sahitya aaj tak 2023

सेशन में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर विभूति नारायण राय ने कहा कि हमारे यहां जो सांप्रदायिक दंगे हुए हैं, उन्हें देखकर बड़ा दुख हुआ कि हमारा संविधान सबके लिए बराबरी की बात करता है, लेकिन यहां कैसा क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि चौराहे पर खड़ा एक पुलिसकर्मी का आचरण बहुत कुछ सुधार की मांग करता है.

आजतक अपराध करने वाले मर्डर करने में नहीं झिझक रहे, वे सारा दिमाग लाश को ठिकाने लगाने में लगाते हैं, इस बात से जुड़े सवाल के जवाब में विभूति नारायण ने कहा कि अपराध का इन्वेस्टिगेशन 24 या 48 घंटे में नहीं हो सकता. अगर दबाव में इस तरह का काम पुलिस को करना पड़ेगा तो वो ठीक नहीं होगा, फर्जी होगा, जो हमारे यहां अक्सर होते रहते हैं.

Advertisement

 

क्राइम थ्रिलर पर लेखिका जयंती रंगनाथन ने क्या कहा?

लेखक व पत्रकार जयंती रंगनाथन ने कहा कि अपराध का जिम्मेदार हर कोई है, इसलिए सीधे-सीधे पुलिस को जिम्मेदार न बनाएं. हम जो कहानियां लिखते हैं तो शायद अपराधों का जिक्र करते समय पुलिस दिमाग में नहीं होती. उस समय सिर्फ दिमाग में अपराध का खांचा होता है. 

सामान्य जिंदगी में हमें रोमांच नहीं मिलता. जब क्राइम से जुड़ी खबरों की गहराई में हम जाते हैं तो हमें उसमें बहुत कुछ जानने समझने का मौका मिलता है. आज नया समाज जो बन रहा है, उसमें पता ही नहीं चल पा रहा है कि कोई अपराधी बन रहा है.इस तरह के क्राइम को सुलझाने के लिए पुलिस काफी नहीं है. जब तक समाज में अपराध होता रहेगा, तब तक अपराध बिकता रहेगा. क्राइम से जुड़े उपन्यास, थ्रिलर स्टोरी की रेटिंग सबसे ज्यादा रहती है.

पालतू बोहेमियम के लेखक प्रभात रंजन ने कहा कि हिंदी साहित्य के इतिहास में चंद्रकांता काफी फेमस किताब है, ये अपराध कथा है, जिसे दूसरी भाषाओं के लोगों ने भी पढ़ा. 19वीं शताब्दी में ठगी एक बड़ा अपराध हुआ करता था. गोपाल राम गहमरी एक लेखक हुए हैं, जिन्होंने एक जासूस नाम की पत्रिका शुरू की थी. उसमें अपराध को लेकर गहराई से लिखा. आज क्राइम की वही खबरें सामने आती हैं, जिनसे लोगों का जुड़ाव ज्यादा रहता है. आज समाज में कई तरह के अपराध हो रहे हैं, जो चौंकाते हैं. 

Advertisement

sahitya aaj tak 2023

'जो भी पावर में होगा वो सोचेगा कि मेरी पुलिस है, मेरे कहने पर चले'

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस क्राइम स्टेट सब्जेक्ट है. जो भी पावर में होगा, तो वो सोचेगा कि मेरी पुलिस है, मेरे कहने पर चले. लेकिन ऊपर कानून है, सुप्रीम कोर्ट है, उसे भी ध्यान में रखना होगा. साइबर क्राइम दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है. डीपफेक पर भी कानून आ गया है. आजकल साइबर क्राइम बड़ा चैलेंज हो चुका है.

दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड को लेकर किए गए सवाल के जवाब में अशोक कुमार ने कहा कि जब मैंने 1990 में ज्वाइन किया था, तब सच में दहेज हत्या होती थी. जब भी ऐसे किसी केस में जाते हैं तो हमें पुलिस की ड्यूटी अहसास होता है. कार्यक्रम में इस दौरान मौजूद जनता ने भी मेहमानों से कई सवाल किए, जिनके उन्हें जवाब दिए गए.

Live TV

Advertisement
Advertisement