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Sahitya AajTak Lucknow 2024: अवधपुर में धूम मची घर लौटे हैं रमैया... मालिनी अवस्थी के गीत सुन झूम उठे लोग

Sahitya AajTak Lucknow 2024: यूपी की राजधानी लखनऊ में शब्द-सुरों का महाकुंभ 'साहित्य आजतक लखनऊ 2024' शुरू हो गया है. यह महामंच आज और कल दो दिन सजा रहेगा. यहां किताबों की बातें होंगी, शायरी की महफिल सजेगी, सवाल-जवाब होंगे और तरानों के तार छिड़ेंगे. पहले दिन लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने भगवान राम के गीतों की प्रस्तुति दी.

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Sahitya aajtak lucknow 2024
Sahitya aajtak lucknow 2024

Sahitya AajTak Lucknow 2024: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज से 'साहित्य आजतक-लखनऊ' के दूसरे संस्करण की शुरुआत हो गई है. यह आयोजन 20 और 21 जनवरी 2024 को अंबेडकर मेमोरियल पार्क, गोमती नगर लखनऊ में हो रहा है. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में जाने-माने लेखक, साहित्यकार व कलाकार शामिल हो रहे हैं. साहित्य के महामंच पर पहले दिन 'अयोध्या में जन्मे हैं श्रीराम' सेशन में इंडियन फोक सिंगर पद्मश्री मालिनी अवस्थी शामिल हुईं.

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इस दौरान मालिनी अवस्थी ने 'अवधपुर में धूम मची घर लौटे हैं रमैया' गीत गाकर अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न दोगुना कर दिया. उन्होंने प्रसंग सुनाते हुए कहा कि 14 वर्ष के बाद जब राम, लक्ष्मण और सिया जी और साथ में हनुमान जी जब अयोध्या लौटे तो तीनों माताएं व्याकुल होकर प्रतीक्षा कर रही थीं, वैसी ही व्याकुलता पूरे भारतवर्ष में इन दिनों देखी जा रही है.

वन से जब भगवान राम वापस लौटे होंगे तो अयोध्यावासियों को कैसा हर्ष हुआ होगा, ये हम पढ़ते रहते हैं, सुनते रहते हैं. कभी कभी हम कल्पना करते हैं. आज इस कलयुग में त्रेता युग जैसी अनुभूति हो रही है.

Sahitya AajTak Lucknow 2024: अवधपुर में धूम मची घर लौटे हैं रमैया... मालिनी अवस्थी के गीत सुन झूम उठे लोग

मालिनी अवस्थी ने कहा कि जिसका राज्याभिषेक होने वाला हो, पूरे आर्यावर्त को पता हो कि दशरथ राम को राजा बनाने जा रहे हैं, और ऐसा बेटा अचानक एक दिन माता पिता के चरण स्पर्श करके बड़ी विनम्रता के साथ वन को चला जाए. वन में भूमि ही उसका बिछौना ओढ़ना, वहां जो भी मिल गया कंद, वही भोजन, राम के इस जीवन ने ही समस्त भारत में लोगों को राममय बना दिया. आज हर माता पिता चाहते हैं कि उनकी संतान राम जैसी विनम्र, दयावान, धैर्यवान, क्षमाशील हो.

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उन्होंने कहा कि सोचिए आज जब कोई अपने पिता, बाबा को याद नहीं रखता, ऐसे में त्रेता युग से आजतक हमारे घरों में संतान के जन्म के समय भगवान राम के बधाई गीत गाए जाते हैं. मंगलगीत गाए जाते हैं. इसी के साथ मालिनी अवस्थी ने एक बधाई गीत सुनाया, जिसे सुनकर लोग झूम उठे.

लोक गायिका ने प्रस्तुति देते हुए कहा कि अयोध्या के भव्य मंदिर में जब रामलला की श्यामल छवि देखी तो ऐसा लगा कि अभी कोई खेल कर दूध पीकर धूल धूसरित कोई लड़का चला आ रहा है, ऐसी छवि लगता है कि अभी मुस्कान फूट पड़ेगी. पांच बरस के रामलला को देखकर ऐसा लगता है कि उन्हें नजर न लग जाए. इसी के साथ मालिनी अवस्थी ने 'सखी री केेहू राम के नजर न लगा' गीत सुनाकर सभी को मुग्ध कर दिया.

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