'साहित्य आजतक' के हल्लाबोल मंच के सत्र ये जवानी है दिवानी में चार युवा लेखक गौरव सौलंकी, निखिल सचान, जुड़वा भाई अकबर और आजम ने शिरकत की. इस दौरान चारों ने अपने अब तक के सफर में बताया, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें क्या लिखने में मजा आता है.
आईआईटी रुडक़ी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट गौरव सोलंकी कहानियां, कविताएं, स्क्रीनप्ले, नॉन-फिक्शन और गाने लिखते हैं. गौरव ने फिल्म ‘अग्ली’ के गीत लिखे हैं.
ये भी पढ़ें- चलती ट्रेन के बाहर लटककर इंजन तक पहुंच जाते थे आशुतोष राणा
फैंटम फिल्म्स ने गौरव की कहानी ‘हिसार में हाहाकार’ पर फिल्म बनाने का अधिकार खरीदा. गौरव की स्क्रिप्ट ‘निसार’ 2016 में ‘दृश्यम सनडैंस स्क्रीनराइटर्स लैब’ के लिए चुनी गई और अपनी किताब 'ग्यारहवीं- A के लड़के' से चर्चा में हैं.
गौरव ने इस दौरान बताया कि उन्हें जो लिखने में मजा आता है वही लिखते हैं. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा मजा कहानी लिखने में आता है. लेकिन सबसे ज्यादा सुकून कविताएं लिखने में आता है. इसको मैं एक प्रोफेशनल की तरह नहीं लिखता.
हालांकि गौरव के मुताबिक एक टाइम पर उन्होंने तय किया था कि वह सिर्फ अपने लिए लिखेंगे, लेकिन आज गौरव एक मशहूर लेखक बन चुके हैं और युवाओं के बीच खासे मशहूर हैं. गौरव के मुताबिक सोशल मीडिया के दौर में अब लोगों तक पहुंचना आसान हो गया है.
आईआईटी बीएचयू से पढ़ने वाले निखिल सचान ने कहा कि कहीं न कहीं शुरुआत में जब हम कच्चे होते हैं तो इसलिए लिख रहे होते हैं कि हां हमने कुछ लिखा है और लोगों को बहुत पसंद आया तो शुरुआत तो कहीं न कहीं वहीं से होती है. जब आप लिख रहे होते हैं और इसे कोई पढ़ ले और बताए कि आपने कैसे लिखा.
इस दौरान लेख की सफलता पर उन्होंने कहा कि पहले तो हम अपने लिए लिख रहे होते हैं, मुकाम तो देर से ही सही मिल जाती है. बता दें कि निखिल सचान को 'नई वाली हिंदी' का पोस्टर ब्वाय माना जाता है. जो सोचते हैं, उसे बेलौस कहने-लिखने में वह नहीं हिचकिचाते. निखिल की `नमक स्वादानुसार' और `ज़िंदगी आइस पाइस' किताबें चर्चा में रहीं और बेस्ट सेलर साबित हुईं. हाल में ही उनका उपन्यास `यूपी 65' भी आया है, जिसे पाठक काफी पसंद कर रहे हैं.
कार्यक्रम में जुड़वा भाई अकबर और आजम भी पहुंचे. बुंदेलखंड के कोंच कस्बे में जन्मे अकबर और आजम का रंगमंच से बचपन से ही लगाव रहा. जामिया से मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद इन्होंने ‘अंतराल’ नामक थिएटर बनाया.
मौजूदा दौर में फेसबुक और ट्विटर पर लिखी जाने वाली कविताओं पर बोलते हुए अकबर ने कहा कि अगर लेखक यह समझकर लिख रहा है कि उसके लाइक्स और कमेंट्स ज्यादा हों तो ऐसे वह लेखन कहीं न कहीं मेकेनिज्म में फंस जाती है. एफएम के चर्चित शो ‘यादों का इडियट बॉक्स विद नीलेश मिश्रा’ के लिए सौ से अधिक कहानियां लिखी. फिल्म ‘शहजादा अली’ का निर्देशन किया और ‘यारा’ में ऐक्टिंग की.
To License Sahitya Aaj Tak Images & Videos visit www.indiacontent.in or contact syndicationsteam@intoday.com