scorecardresearch
 

अनारकली डिस्को चली...लिखने पर हो गया केस, गीतकार समीर ने सुनाया पूरा किस्सा

अपने गानों से जुड़े विवाद पर समीर ने कहा कि अनारकली डिस्को चली...गाना लिखने पर मेरे खिलाफ केस हो गया था. तब लोगों ने कहा कि इतनी बड़ी शख्सियत को आपने डिस्को में कैसे पहुंचा दिया. लेकिन मुझे मुन्नी बदनाम हुई जैसा कोई गाना लिखने के लिए कहा गया था तो क्या करता.

Advertisement
X
साहित्य आजतक में गीतकार समीर (फोटो- आजतक)
साहित्य आजतक में गीतकार समीर (फोटो- आजतक)

Advertisement

साहित्य आजतक 2019 के मंच पर बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और लेखक समीर ने शिरकत की. उन्होंने बीते और मौजूदा वक्त के वो गाने लिखे हैं जो आज हर जुबान पर जमे और रमे हुए हैं. बॉलीवुड की करीब 650 फिल्मों में 4 हजार से ज्यादा गाने लिखने वाले समीर ने आजतक के साथ अपने जीवन और लेखन के अनछुए पल साझा किए. 

शीतला पांडे उर्फ समीर ने अपना बचपन याद करते हुए कहा कि मेरा जन्म एक छोटे से गांव में हुआ था. तब से 40 साल की ये यात्रा पूरी हो गई है. बचपन में रेडियो पर गाने सुना करते थे और अपना लिखा पहला गाना रेडियो पर सुनने के लिए पूरी रात सो नहीं पाए थे. समीर ने बचपन का किस्सा याद करते हुए कहा कि मैंने जब पिताजी से कहा कि मैं फिल्मों में गाने लिखने मुंबई जाना चाहता हूं तो उन्होंने इनकार कर दिया था.

Advertisement

साहित्य आजतक की पूरी कवरेज यहां देखें

उन्होंने बीएचयू में अपने पहले मुशायरे के वाकये को याद करते हुए कहा कि मेरे से पहले जो मंच पर आए उनका हाल देखकर नाम पुकारे जाने पर भी वहां जाने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी. लेकिन उस मुशायरे से मुझे काफी हिम्मत मिली. उन्होंने बताया कि मुझे हर पीढ़ी के लोगों के साथ काम करने का मौका मिला है और जीवन के हर पड़ाव को जिया है तब जाकर मैं हर पीढ़ी के लिए गाने लिख पाता हूं.

samm_110219053332.jpg





साजन फिल्म का सुपरहिट गाना मेरा दिल भी कितना पागल है...का जिक्र करते हुए समीर ने कहा कि मेरे पास कई लड़के आए जिन्होंने बताया कि वह जब गाड़ी में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बैठते थे और कुछ कहने की हिम्मत न हो तब आपका ये गाना बजा दिया करते थे. बाकी का काम खुद ही हो जाता था. गोविंदा पर फिल्माए मैं तो रस्ते से जा रहा था, भेलपूरी खा रहा था...गाने की उस वक्त हुई आलोचना पर समीर ने कहा कि किरदार के मुताबिक ही हम बोल लिखते हैं, किसी कुली के लिए चंदन सा बदन...गाना नहीं लिखा जा सकता. किरदार की भाषा के मुताबिक ही गानों के बोल तय किए जाते हैं.

Advertisement

गाने से किशोर ने किया इनकार

समीर के पिता अंजान ने खाइके पान बनारस वाला.. गाना कैसे लिखा? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस गाने की रिकॉर्डिंग के वक्त मैं पिता के साथ मुंबई में मौजूद था. समीर ने कहा कि वहां किशोर कुमार की ड्रेस देखकर ही मैं हैरान रह गया, वह एक पांव में अपना और दूसरे में अपनी बीवी का स्लीपर पहन स्टूडियो पहुंचे थे. भंग का रंग जमा हो चकाचक बोल सुनते हुए किशोर दा पिता से बोले अंजान ये किस शहर के शब्द हैं, मैंने पहले कभी चकाचक शब्द ही नहीं सुना. यह कहते हुए पहले उन्होंने गाना गाने से तुरंत इनकार कर दिया था.

साहित्य आजतक में रजिस्ट्रेशन के लिए यहां क्लिक करें

समीर ने बताया कि सुपरहिट गाने खाइके पान बनारस वाला... के कुछ बोल किशोर दा बदलना भी चाहते थे लेकिन तब मेरे पिता ने ऐसा करने मना करते हुए उन्हें उन शब्दों के मतलब समझाए और कहा कि इन बोल में बदलाव मुमकिन नहीं है. तब पिता ने किशोर दा से कहा कि शब्दों को समझने के लिए आपको बनारस की गलियों की खाक छाननी पड़ेगी. गाने को किशोर कुमार ने एक टेक में गाया और उन्होंने पिता से कहा कि अगर ये गाना हिट हुआ तो बनारस में गंगा किनारे बैठकर फिर से मैं यही चाहता हूं.

Advertisement

समीर की किताब समीराना भी प्रकाशित हो गई है जिसमें वह गाने संकलित किए गए हैं जो फिल्मों में नहीं आए हैं. उन्होंने बताया कि गुलजार साहब के कहने पर मैंने यह संकलन वाणी से प्रकाशित कराया है और यह किताब मेरी मां को समर्पित है.

वो गाने जिनपर हुआ विवाद

अपने गानों से जुड़े विवाद पर समीर ने कहा कि अनारकली डिस्को चली...गाना लिखने पर मेरे खिलाफ केस हो गया था. तब लोगों ने कहा कि इतनी बड़ी शख्सियत को आपने डिस्को में कैसे पहुंचा दिया. लेकिन मुझे मुन्नी बदनाम हुई जैसा कोई गाना लिखने के लिए कहा गया था तो क्या करता, ऐसे बोल लिखना मेरी मजबूरी थी. समीर ने कहा कि सरकाए लेओ खटिया...गाना लिखने पर भी काफी हंगामा हुआ लेकिन ये काफी फोक गाना था और इसे मशहूर कराने में गोविंदा-करिश्मा कपूर और डेविड धवन का हाथ था.

Advertisement
Advertisement