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साहित्य आज तक के मंच पर सुरेंद्र-सौम्यजीत ने सजाई सुरों की महफिल, झूम उठे लोग

आज तक साहित्य 2022 के मंच पर सुरेंद्र मलिक और सौम्यजीत दास की जोड़ी ने सुरों की महफिल सजा दी. जैसे ही सौम्यजीत दास ने गाना शुरू किया, लोग झूमने पर मजबूर हो गए. सुरेंद्र सौम्यजीत की जोड़ी को संगीत की दुनिया में नये प्रयोगों के लिये जाना जाता है. इन्होंने अपनी परफॉर्मेंस से ये साबित भी कर दिया.

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सौम्यजीत दास
सौम्यजीत दास

साहित्य आज तक 2022 का महाकुंभ शुरू हो चुका है. खुशनुमा माहौल में पियानोवादक-गायक सुरेंद्र मलिक और सौम्यजीत ने शिरकत की. संगीत की दुनिया के दोनों ही कलाकार जिस भी मंच पर जाते हैं, अपनी परफॉर्मेंस से महफिल लूट ले जाते हैं. 

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सुरेंद्र-सौम्यजीत की पेशकश 
सुरेंद्र मलिक और सौम्यजीत दास पियानोवादक और गायक हैं. भारतीय वोकलिस्ट संगीतकार जोड़ी लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करती है. उम्मीद की जा रही थी कि जब सुरेंद्र और सौम्यजीत आज तक साहित्य के मंच पर आएंगे, तो लोग झूमने पर मजबूर हो जाएंगे. हुआ भी वैसा ही. सौम्यजीत ने स्टेज पर आते ही बड़ी मुस्कान से कार्यक्रम में मौजूद लोगों का दिल जीत लिया. 

इसके बाद प्रोग्राम की शुरूआत उन्होंने 'आओगे जब तुम ओ सजाना' गाने से की. एक तरफ सुरेंद्र मलिक पियानो पर थे. वहीं दूसरी ओर सौम्यजीत अपनी आवाज में 'आओगे जब तुम ओ सजाना' गा रहे थे. आज तक साहित्य के मंच पर उन्होंने जैसे ही गाना शुरू किया, लोग तालियां बजाये बिना रह सके. इसके बाद उन्होंने गानों का सिलसिला बनाये रखते हुए 'तुझे थामे...' भी गाया. सिंगर को सुनकर बस ऐसा लगा कि ये शाम यहीं थम जाए. 

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कौन हैं सुरेंद्र सौम्यजीत?
एक ओर जहां पियानोवादक सुरेंद्र अपनी अलग शैली के लिये मशहूर हैं. इसके अलावा शास्त्रीय संगीत की बारीकियों का उपयोग करना भी उन्हें बखूबी आता है. वहीं दूसरी ओर  सौम्यजीत गायिकी में नई शैलियों का प्रयोग करने के लिये जाने जाते हैं. वो शास्त्रीय, गजल और ठुमरी को मिला कर अपने गानों को एक अनूठा रूप देते हैं.  

सौम्यजीत ने हमेशा ही गायन के क्षेत्र में नए रूप को विकसित करने की कोशिश की है. आशा है कि आपने सुरेंद्र सौम्यजीत की जोड़ी को साहित्य आज तक के मंच पर खूब एंजॉय किया होगा. बता दें साहित्य आज तक 2022 18 नवंबर से 20 नवंबर तक चलेगा. 

 

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