साहित्य के सितारों का महाकुंभ, नए साल 2024 में अपने नए एडिशन के साथ लखनऊ में शुरू हो चुका है. शनिवार को साहित्य के मंच पर राम नाम की धूम रही. पहले दिन मंच पर पहुंची पॉपुलर सिंगर स्वाति मिश्रा ने अपने भजनों से माहौल को राम रंग में रंग दिया. उनके भजनों का आनंद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या ने भी लिया.
स्वाति मिश्रा का गाया भजन 'राम आएंगे' जबर्दत पॉपुलर हो चुका है. उनका अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले लोगों को राम भक्ति में सराबोर कर रहा ये भजन हर जगह बज रहा है. स्वाति का ये भजन इतना पॉपुलर हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे शेयर किया था. साहित्य आजतक के मंच पर पहुंचीं स्वाति ने कहा कि जबसे प्रधानमंत्री ने उनका ये भजन शेयर किया है तबसे उनके 'भाग्य खुल गए हैं.'
स्वाति ने कहा, 'जब इतनी बड़ी शख्सियत, खुद प्रधानमंत्री आपका काम शेयर करते हैं तो लोकप्रियता अलग लेवल पर मिलती है.' उन्होंने ये भी बताया कि जबसे प्रधानमंत्री ने उनका भजन शेयर किया है, तबसे सोशल मीडिया पर उनके 2 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स बढ़ गए हैं.
स्वाति ने छेड़ी राम धुन
स्वाति ने अपने सेशन 'रहे नाम राम रघुवर का' का आगाज, अपने बेहद पॉपुलर भजन 'मेरी झोंपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे, राम आएंगे' से किया. स्वाति के भजन ने सभी श्रोताजनों को राम रंग में रंग दिया. लखनऊ के अम्बेडकर मेमोरियल पार्क में ऐसा माहौल जमा जिसके आगे सर्दी की ठिठुरन फीकी पड़ गई और जनता झूमती नजर आई.
पहले भजन से जम चुके माहौल को स्वाति ने एक और भजन से आगे बढ़ाया. उन्होंने गाया, 'नगरी हो अयोध्या की, रघुकुल सा घराना हो, शरण हो राघव की जहां मेरा ठिकाना हो'. इस भजन के भावपूर्ण लिरिक्स की खूबसूरती ने भी श्रोताओं का मन मोहा. इसके बाद स्वाति ने बेहद पॉपुलर गीत 'श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में' गाया. 'तुम उठो सिया श्रृंगार करो, अब धनुष राम ने तोड़ा है' गाकर स्वाति ने सीता स्वयंवर के दृश्य को लोगों की आंखों के सामने क्रिएट कर दिया.
अभी तक हिंदी में गा रहीं स्वाति ने इसके बाद राम विवाह के प्रसंग पर आधारित भोजपुरी गीत गाया. इस गीत में सीता को ब्याहने पहुंचे राम की छवि को देखकर मिथिला की जनता निहाल हुई जा रही है. इसके बोल हैं, 'आजु मिथिला सखिया निहाल सखिया, चारों दुलहां में बड़का कमाल सखिया'
सेशन के अंत में जब स्वाति से एक बार फिर 'राम आएंगे' गाने की रिक्वेस्ट की गई तो उन्होंने श्रोताओं को निराश नहीं किया और फिर से अपना भजन गाया. शनिवार और रविवार को आप लखनऊ के गोमती नगर में, अम्बेडकर मेमोरियल पार्क में साहित्य आजतक 2024 के दिलचस्प सेशंस का आनंद उठा सकते हैं.