जब पड़ोसी देश हमारे सैनिकों को मारता है तो कवि कैसे चुप रह सकता है? आजतक के मंच पर कवयित्री कीर्ति काले ने देश की रक्षा के लिए कई गीत गाये, जिनमें 'भारत के नौजवानों भारती पुकारती, भेदभाव छोड़ कर साथ- साथ आइए...'सीमा पर दुश्मन की गोली ने ललकारा है, क्या सिंहों का देश कभी चूहों से हारा है' शामिल है.
Dr Kirti Kale ki deshbhakti kavita Bharat ke naujawanon Bhaarati pukarati bhedabhaw chhodkar sath sath aaiye