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दर्द ने मीर तक़ी मीर बना रखा है, मुझको इस इश्क ने कश्मीर बना रखा हैः लियाक़त जाफ़री

दर्द ने मीर तक़ी मीर बना रखा है, मुझको इस इश्क ने कश्मीर बना रखा हैः लियाक़त जाफ़री

दर्द ने मीर तक़ी मीर बना रखा है, मुझको इस दर्द ने कश्मीर बना रखा है, हाय अफसोस कि किस तेजी से दुनिया बदली...उर्दू के प्रोफेसर लियाक़त जाफ़री अमन पसंद और मोहब्बत से भरे हुए शायर हैं. कश्मीर में वह पैदा हुए इसलिए उनकी नज़्मों में धरती का यह स्वर्ग हमेशा होता है. साहित्य आजतक के मंच से दिया गया उनका यह मोहब्बत भरा पैगाम आप भी सुनिए

Derd ne Meer Taqi Meer bana rakha hai, Mujhko is Ishq ne Kashmir bana rakha hai, Liaqat Jafri's great urdu Ghazal

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