डॉ हरिओम पंवार का हर शब्द देशभक्ति में डूबा रहता है. पुलवामा हमले के बाद देश के लिए मरमिटने वाले जवानों, शहीदों की शहादत को याद करती और उनके परिवारों की बहादुरी का जिक्र करती उनकी यह कविता