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साहित्य आजतक मुशायरा: तुम्हारा साथ भी छूटा, तुम अजनबी भी हुए...

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साहित्य आजतक मुशायरा: तुम्हारा साथ भी छूटा, तुम अजनबी भी हुए...

साहित्य आजतक 2018 के आखिरी दिन शायरी की महफिल सजी. साहित्य आजतक 2018 के तीसरे और आखिरी दिन देश के बड़े शायरों ने अपनी शायरी से लोगों का दिल जीत लिया. साहित्य आजतक पर हुए इस मुशायरे में मशहूर शायर राहत इंदौरी, वसीम बरेलवी, मंजर भोपाली, आलोक श्रीवास्तव, शीन काफ निजाम, डॉ. नवाज देवबंदी, डॉ लियाकत जाफरी, तनवीर गाजी शामिल हुए. वसीम बरेलवी ने अपनी रचना से माहौल में समां बांध द‍िया. अपनी आवाज बुलंद करते हुए उन्होंने कहा, 'तुम्हारा साथ भी छूटा, तुम अजनबी भी हुए...मगर जमाना तुम्हें अब भी मुझमें ढूंढ़ता है...'

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