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कवयित्री सरिता शर्मा की कविता- निरंतर चल रही हूं मैं

कवयित्री सरिता शर्मा की कविता- निरंतर चल रही हूं मैं

साहित्य आज तक 2017 के कवि सम्मेलन में कवयित्री डॉक्टर सरिता शर्मा ने अपनी कविता 'निरंतर चल रही हूं मैं' का पाठ किया. डॉ सरिता ने अपनी कविता के माध्यम से भारत की स्त्री के मूल चरित्र की व्याख्या करते हुए एक नारी और नदी के स्वभाव का सुंदर चित्रण किया.

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