कविताओं को संगीत में ढ़ालकर चिन्मयी त्रिपाठी और जॉयल मुखर्जी ने छायावादी से लेकर वीर सर तक की कविताओं में नई जान डाल दी है. उन्होंने कहा कि ऑरिजनल कंटेट ऑरिजनल होता है, कवर गाने से आप ऑडियंश तो पा सकते हैं लेकिन इसका कोई आस्तित्व नहीं है. इस दौरान म्यूजिक के साथ कविताएं सुनकर दर्शक झूम उठे.