प्रसिद्ध लोक गायिका विमल पंत ने साहित्य आजतक के मंच पर अपनी नई पुस्तक 'अरि अरि कारी कोयलिया' का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि लोक संगीत शास्त्रीय संगीत की जननी है. पंत ने हिंदी, अवधि, ब्रज, कुमाऊनी समेत 10 बोलियों में गीत प्रस्तुत किए. उन्होंने बताया कि उनका रुझान बचपन से ही लोक गीतों पर रहा है. पंत ने कहा कि लोकगीत बिल्कुल बेकार नहीं होते, उनमें भी हृदय की भावना व्यक्त होती है.