साहित्य आजतक 2017 के मंच से व्यंग्य, फिक्शन जैसे तमाम विषयों पर चर्चा के साथ दर्शकों के मनोरंजन के लिए नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया गया. साहित्य आजतक के तीसरे दिन यानी रविवार को अरविंद गौड़ के निर्देशन में दस्तक नाटक का आयोजन किया गया. महिलाओं की आजादी के लिए स्लटवॉक में वैसे तो कई लोगों ने आवाज उठाई, लेकिन इस आवाज को बुलंद किया एक नुक्कड़ नाटक ने. थिएटर के नामी डायरेक्टर अरविंद गौड़ के निर्देशन में इस टीम ने औरतों के हक में नाटक दस्तक के जरिए लोगों के दिलों में दस्तक देने की कोशिश की. नाटक में लड़की के साथ होने वाली रोजाना होने वाली छेड़छाड़ भी मिली तो उन्हें घूरने वाले और बच्चियों तक को परेशान करने वाले चेहरे भी दिखे.