इंसान तभी मुकम्मल होता है, जब उसका नाम ही उसका एड्रेस हो जाए, जैसे अमिताभ बच्चन. मुंबई में कोई ऐसा नहीं है कि जो उनका घर नहीं जानता हो. ये बातें कही कहानीकार दिव्य प्रकाश दुबे ने. वो कहानियां सत्र में भाग लेने पहुंचे थे और कई कहानियां सुनाई. इस सत्र का संचालन मशहूर एंकर नेहा बाथम ने किया.